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हर्षान्वित-हलवा
प्रसन्न करना।
हलकारा*-पु० दे० 'हरकारा'। हर्षान्वित, हर्षाविष्ट-वि० [सं०] आनंदयुक्त, प्रसन्न । हलकोरा-पु० जलकी तरंग, लहर, हिलोरा। हर्षाश्र-पु० [सं०] आनंदसे निकले हुए आँसू , आनंदाश्रु । हलचल-स्त्री० किसी अनिष्ट घटना, अवसर आदिके उपहर्षित-वि० [सं०] आलादित, प्रसन्न प्रसन्न किया हुआ। स्थित होनेपर होनेवाला लड़ाई-झगड़ा, भाग-दौड़, शोरहरफुल्ललोचन-वि० [सं०] जिसके नेत्र आनंदसे गुल, तोड़-फोड़ आदि; अराजकता, उपद्रव, हड़कंप खिले हुए हों।
(तरल पदार्थकी) अस्थिरता, हिलने-डोलनेकी क्रिया। हलंत-वि० [सं०] जिसके अंतमें स्वररहित व्यंजन वर्ण हो। मु०-डालना-उथल-पुथल मचाना, अराजकता, अव्यहल-पु० [सं०] खेत जोतनेका एक औजार, लांगल; वस्था उत्पन्न करना। -पड़ना-उपद्रव, अराजकताका भूमिकी एक माप; एक शस्त्र । -कुकुद्-पु० हलका होना। -मचना-दे० 'हलचल पड़ना। -मचानावह भाग जिसके नीचेके हिस्से में फाल जड़ते हैं।-ग्राही- दे० 'हलचल डालना'। (हिन्)-वि० हल चलानेवाला । -जीवी(विन्)- | हलदिया-पु० एक रोग जिससे आँख और सारा शरीर वि० हलके सहारे जीविका चलानेवाला। -जुता-पु० पीला पड़ जाता है, कँवल रोग; एक प्रकारका विष । [हिं०] हल जोतनेवाला किसान, साधारण कृषक; गँवार हलदी-स्त्री० एक प्रकारका पौधा जिसकी जड़में होनेवाली आदमी । -दंड-पु० हरिस । -धर-पु. बलराम । पीले रंगकी गाँठ मसाले,रंग और औषधके काममें आती -पाणि-पु० बलराम । -भृति-स्त्री० कृषिकर्म, है। मु०-उठना,-तेल उठना-विवाहके कुछ दिन किसानी । -भृत्-पु० हलधर । -मार्ग-पु० जुताईसे पहले वर और कन्याको हलदी और तेल मिला उबटन बनी हुई लकीर, फॅड। -मुख-पु० फाल । -वंश- लगानेकी रस्म । -का हाथ होना-विवाह होना। पु० हरिस । -वाह-पु० [हिं०] हल जोतनेका काम -चढ़ना-दे० हलदी उठना'।-लगना-विवाह होना। करनेवाला । -वाहा-पु० [हिं०] हलवाह ।
-लगाकर बैठना-कोई काम न करना; अपनेको बहुत हल-पु० [अ०] खुलना, सुलझाव; कठिनाईका दूर होना; कुछ समझना। घुलना; गणितकी प्रक्रिया सवालका जवाब। मु०- हलबी-स्त्री० [सं०] हरिद्रा, हलदी। करना-सुलझाना, घोंटना, पीसकर मिलाना; सवालका हलना*-अ.क्रि० हिलना, अस्थिर होना प्रविष्ट होना। जवाब निकालना, पहेली बूझना।
हलफ-पु० [अ०] शपथ, कसम । -दरोगी-स्त्री० झूठी हलकंप-पु० दे० 'हड़कंप'।
शपथ लेना । -नामा-पु० लिखा हुआ हलफी बयान । हलक-पु० [अ० 'हल्क'] गला, कंठ; गरदन । मु०-का मु०-उठाना,-लेना-कसम खाना, कुरान या गंगाजल दरबान-खाने-पीनेमें रोक-टोक करनेवाला; बोलनेसे | लेकर कहना। रोकनेवाला । -तक भरना-दूंस-ठूसकर खाना। -पर हलफन्-अ० [अ०] हलफकी रूसे, शपथ-पूर्वक । छुरी फेरना-दे० 'गलेपर छुरी फेरना' ।-से उतरना- | हलफा-पु० लहर ऊँचीतरंग तेज साँस । मु०-चलनागलेसे उतरना; मनमें बैठना।
बहुत तेज साँस चलना (बच्चोंका हब्बा-डब्बासे ग्रस्त हलकई-स्त्री० हलकापन; छोटापन, अप्रतिष्ठा । होना)। -मारना-ऊँची-ऊँची तरंगोंका पछाड़ खाना । हलकन*-स्त्री० हिलने-डुलनेकी क्रिया।
हलफ्री-वि० [अ०] हलफ लेकर कहा, दिया हुआ हलकना*-अ० क्रि० हिलना-डोलना, पानीका हिलकोरा (-बयान)। मारना।
हलब-पु० [अ०] शामका एक नगर जहाँका शीशा पुराने हलका-वि० कम वजनवाला, जो भारी न हो; मात्रामें | समयमें प्रसिद्ध था। थोड़ा, कमा मामूली, कम मूल्यवाला; पतला, अधिक | हलबल*-स्त्री० हलचल, खलबली । जल या अन्य तरल वस्तु मिला हुआ; कम सांघातिक, | हलबी-वि० [अ०] हलबका । पु० हलबका आईना, जो (प्रहार) तेज या अधिक कष्टप्रद न हो, मंद, मामूली बढ़िया मोटे दलका शीशा । महीन, पतला, झीना; एकदम खाली, छूछा; ताजा, | हलब्बी-पु० दे० 'हलबी' । थकानरहित, श्रांतिहीन; कमीना, नीच, भोछा; निंदित, हलबलाना*-अ० क्रि० घबड़ाना। स० क्रि० दूसरोंको अप्रतिष्ठित कम परिश्रममें ही हो जानेवाला, सहल, घबड़ाहटमें डालना। अनुपजाऊ जो गाढ़ा, गहरा, चटकीला न हो, ओछा। -पन-पु० हलका होनेकाभाव, भार न होना तुच्छता, | हलभल*-स्त्री० दे० 'इलबल'।
ओछापन; बुराई; कमीनापन: अपमान, बेइज्जती। हलभली*-स्त्री० हलचल । हलका-पु० [अ०] घेरा, मंडल; वृत्ताकार वस्तु; मंडली; हलराना-स० क्रि० छोटे बच्चोंको हाथपर या गोदमें लेकर पहिया; पहियेका हाल, लौह या लकड़ीका गोल कुंडा, उन्हें प्यार करने, चुप कराने, सुलाने आदिके लिए गाँवों आदिका मंडल जो किसी विशेष कर्मचारी या अधि- हिलाना। कारीका कार्यक्षेत्र हो। मु०-बाँधना-घेरा डालना। हलवत-स्त्री० वर्ष में पहली बार खेतमें हल ले जानेकी हलकाना-वि० दे० 'हलाकान'।
रस्म, हरौती। हलकाना -स० क्रि० हलका करना; किसी तरल वस्तुको | हलवा-पु० [अ०] एक मिष्ठान्न जो सूजी या आटेको धीमें हिलाना-डुलाना, इलकोरना । अ० कि० हलका होना।। भूनकर पानी या दूधमें शकर देकर पकानेसे बनता है,
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