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सोमन-सोहरत
- (यिन्) - वि० सोमरस पीनेवाला । - पुत्र- पु० बुध ग्रह | - प्रदोष-पु० सोमवारको किया जानेवाला विशेष प्रदोषव्रत । - प्रभ - वि० चंद्रमा जैसा कांतिमान् । - बंधु - पु० कुमुद; सूर्य; बुध । - बेल - स्त्री० [हिं०] गुलचाँदनी । - मख-पु० सोमयज्ञ । -मद-पु० सोमपानसे होनेवाला नशा । यज्ञ-पु० एक तरहका यश जिसमें सोमपान किया जाता था। -याग-पु० सोमयश; एक त्रैवार्षिक यज्ञ जिसमें सोमपान होता था । - रस - पु० सोमलताका रस । -राग- पु० राग- विशेष ( संगीत ) । - राज - पु० चंद्रमा । - राज्य-पु० चंद्रलोक । - रोग - पु० प्रमेह जैसा स्त्रियोंका एक रोग । - लता - स्त्री० सोम नामकी लता, सोमवल्ली; गोदावरी नदी । - लतिका - स्त्री० गुडूची; सोमलता । -लोक- पु० चंद्र लोक । - वंशीय, वंश्य - वि० चंद्रवंश संबंधी; चंद्रवंशी त्पन्न । - वल्लरि, - वल्लरी - स्त्री० सोमलता; ब्राह्मी । - वल्ली - स्त्री० गुडूची; सोमलता; सोमराजी; ब्राह्मी । - वार,-वासर-पु० रविवारके बादका दिन, चंद्रवार। - विक्रयी (यिनू ) - वि०, पु० सोम बेचनेवाला । - सुतपु० बुध ग्रह । - सुता - स्त्री० नर्मदा नदी । सोमन* - पु० एक अस्त्र ।
सोमनस* - पु० दे० 'सौमनस्य' ।
वाली अमावास्या ।
सोमवती अमावास्या - स्त्री० [सं०] सोमवारको पड़ने सोषक* - वि०, पु० दे० 'शोषक' । सोषण * - पु० दे० 'शोषण' । सोषना-स० क्रि० दे० 'सोखना' | सोपु, सोसु* - वि० सुखा डालनेवाला ।
सोमाष्टमी - स्त्री० [सं०] सोमवारको पड़नेवाली अष्टमी । सोमा - पु० [सं०] एक अस्त्र जिसका संबंध सोम (चंद्रमा)से माना जाता है ।
सोमाह - पु० [सं०] चंद्रवार, सोमवार । सोमाहुति - स्त्री० [सं०] सोमयज्ञ । सोमेश्वर- पु० [सं०] दे० 'सोमनाथ' ।
सोमोद्भव - वि० [सं०] चंद्रमासे उत्पन्न । पु० कृष्ण सोमोद्भवा - स्त्री० [सं०] नर्मदा नदी ।
सोम्य - वि० [सं०] सोम-संबंधी; मुलायम, कोमल । सोय* - सर्व० वही । वि० वैसा ।
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सोम - वि० [फा०] तीसरा । सोया - पु० दे० 'सोआ' ।
सोर - * पु० शोरगुल, कोलाहल; ख्याति । + स्त्री० मूल, जड़; * सौरी ।
सोरठ- पु० भारतका एक प्रांत, सौराष्ट्र; एक रागिनी ।
- मल्लार - पु० एक राग ।
सोरठा - पु० एक मात्रिक छंद ।
सोरठी- स्त्री० एक रागिनी ।
सोरनी । - स्त्री० झाड़ ; एक मृतक संस्कार । सोरबा - पु० दे० 'शोरबा' ।
सोरह * - वि०, पु० दे० 'सोलह' । सोरही - स्त्री० सोलह चित्ती कौड़ियोंसे खेला जानेवाला एक प्रकारका जुआ; उक्त प्रकारका जुआ खेलनेके निमित्त एकत्र सोलह चित्ती कौड़ियाँ । सोरा* - पु० दे० 'शोरा' । सोलंकी - पु० क्षत्रियोंका एक राजवंश जिसका राज्य गुजरात, काठियावाड़, राजपूताना आदि में था ।
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सोल- वि० [सं०] शीतल, ठंढा; कसैला, खट्टा और तीता । पु० ठंढक कसैला, खट्टा और तीता स्वाद । सोलह - वि० पंद्रह और एक । पु० सोलहकी संख्या, १६ । - नहीं - पु सोलह नखोंवाला (हाथी) । - सिंगार - पु० दे० 'षोडश-शृंगार' । - (हाँ ) आने- बिलकुल, पूर्णतः । सोला+ - पु० दलदली भूमिमें उगनेवाला एक झाड़ जिसकी सीधी और मजबूत डालियोंके छिलकेसे सोला हैट बनता है ।
सोल्लास - वि० [सं०] उल्लासयुक्त, आनंदभरा । अ० उल्लास के साथ |
सोवज* - पु० शिकारका जानवर आदि । सोवन* - पु० सोनेकी क्रिया । सोवना* - अ० क्रि० दे० 'सोना' ।
सोवनार* - स्त्री० सोनेका कमरा, शयनागार । सोवरी* - स्त्री० सौरा । सोवा- पु० दे० 'सोआ' |
सोवाना* - स० क्रि० दे० 'सुलाना' । सोवियत - पु० [ रूसी] रूसके किसी जिलेकी वह सभा जो मजदूरों और सिपाहियोंके चुने हुए प्रतिनिधियोंसे बनी हो; रूसका आधुनिक प्रजातंत्र । सोवैया* - पु० सोनेवाला ।
सोसनी * - वि० सौसनके फूलके रंगका, लाली लिये हुए नीले रंगका ।
सोस्मि * - दे० 'सोऽहमस्मि' |
सोह* - अ० दे० 'सौंह' । सोहं * - दे० 'सोऽहम्' । सोहंग * - दे० 'सोऽहम्' । सोहंगम * - दे० 'सोऽहम्' ।
सोहगी - स्त्री० तिलकके बादकी एक रस्म जिसमें कन्याके लिए वस्त्राभूषण, खिलौने आदि भेजे जाते हैं; सुहागकी चीजें ।
सोहन - * वि० शोभन, सुंदर, मोहक, सुहावना | पु० सुंदर व्यक्ति; नायक; + एक वृक्ष; रेती । स्त्री० एक पक्षी जिसका शिकार करते हैं। -पपड़ी - स्त्री० एक रेशेदार मिठाई जो मैंदा और चीनी एकमें मिलाकर बनायी जाती है । - हलवा- पु० मेवे, घी, चीनी आदिके मेलसे बनी एक स्वादिष्ठ तथा प्रसिद्ध मिठाई जो कतरोंके रूपमें जमी और घीसे तर रहती है । सोहना-स० क्रि० (खेत) निराना। * अ० क्रि० भला मालूम होना, सुंदर लगना । + वि० सुंदर, मोहक । सोहनी-स्त्री० कूँची, झाड़ ; एक रागनी; निरानेकी क्रिया । सोहबत - स्त्री० [अ०] मंडली, संगति; संभोग । सोहमस्मि * - दे० 'सोऽहमस्मि' |
सोहर - पु० संतानोत्पत्तिके अवसरपर गाया जानेवाला एक मंगलगीत |
सोहरत * - स्त्री० दे० 'शोहरत' ।
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