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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संकेंद्रित प्रयास-संग ७९२ (ध्यान, शक्ति, फौजें)। -सिद्धांत-पु. (थिअरी ऑफ न होने दे (दवा इ०) । कॉनसेंट्रेशन)मार्क्सवादियोंका यह सिद्धांत कि बड़े-बड़े पूँजी- | संक्रमित-वि० [सं०] पहुँचाया, प्रवेश कराया हुआ; पति अंततोगत्वा प्रायः सभी छोटे पूँजीपतियोंको या तो| हस्तांतरित । -माल-पु० [हिं०] (गुड्स इन ट्रांजिट) निकाल बाहर करेंगे या अपनेमें मिला लेंगे जिससे सारी वह माल जो किसी स्थानसे रवाना कर दिया गया हो, पर पूँजी थोड़ेसे शक्तिशाली गुटों, न्यासों (ट्रस्टों) या बैंकोंमें | अभी उदिष्ट स्थानतक पहुँचा न हो-बीचमें, यात्रामार्गमें संकेंद्रित हो जायगी। ही हो। संकेंद्रित प्रयास-पु० [सं०] (कॉनसेंट्रेटेड एफर्ट) वह | संक्रांत-वि० [सं०] गत, गुजरा हुआ; प्रविष्ट; स्थानांतप्रयास जिसमें सारी शक्ति एक ही स्थान या कामपर रित प्राप्त गृहीत प्रतिफलित, प्रतिबिंबित चित्रित । लगा दी गयी हो। संक्रांति-स्त्री० [सं०] साथ गमन; मिलन; एक विंदुसे संकेत-पु० [सं०] अभिप्रायसूचक अंगचेष्टा, इंगित, इशारा; दूसरे विंदुतकका मार्ग; सूर्य या किसी ग्रहका एक राशिसे चिह्नः ठहराव प्रेमी-प्रेमिकाका आपसका ठहराव प्रेमी- दूसरी राशिमें प्रवेश करना हस्तांतरण प्रतिबिंब अंकन । प्रेमिकाके मिलनेका निर्दिष्ट स्थान शर्त । -गृह,-निके -काल-पु० (ट्रांजीशनल पीरियड) दे० 'संक्रमणकाल'। तन-पु० प्रेमी-प्रेमिकाके मिलनेका स्थान । -चिह्न, | संक्रामक-वि० [सं०] एकसे दूसरे में संक्रमण करनेवाला; रूप-पु० (ऍब्रीवियेशन) नाम, पद आदिके सूचक छूत आदिसे फैलनेवाला (रोग)। वे चिह्न या लघु रूप जो संकेतकी तरह प्रयुक्त होते हैं | संक्रामित-वि० [सं०] हस्तांतरित किया हुआ; दूसरेको ( जैसे अ० क्रि०-अकर्मक क्रिया)। -भूमि-स्त्री०, बतलाया हुआ। -स्थान-पु० दे० 'संकेत-गृह'। संक्रामी(मिन)-वि० [सं०] संक्रमण करनेवाला; फैलसँकेता-पु० संकटकी स्थिति, कठिनाई। नेवाला; संपर्क द्वारा फैलनेवाला हस्तांतरित होनेवाला। संकेतना*-स० क्रि० संकट, विपत्तिमें डालना । अ० क्रि० संक्रोन*-पु. संक्रांति, संक्रमण-'काहू पुन्यन पाइसंकुचित होना,-'कँवल सँकेता, कुमदिनि फूली'-प० ।। यत बैस संधि संक्रोन'-बि० । संकेताक्षर-पु० [सं०] ( साइफर ) संकेत रूपमें लिखे गये। संक्रांश-पु० [सं०] साथ-साथ चिल्लाना, जोरसे शब्द अक्षर, गुप्त लिपि। करना क्रोधमें चिल्लाना। संकेतित-वि० [सं०] ठहराया हुआ, निश्चित; इशारा संक्षिप्त-वि० [सं०] फेंका हुआ; छोटा किया हुआ घटाया किया हुआ। हुआ खुलासा; छोटा। -लिपि-स्त्री० लिखनेकी एक संकेलना -सक्रि० समेटना, बटोरना; खींचकर इकट्ठा प्रणाली जिसमें विशेष ध्वनियोंके लिए छोटे-छोटे चिह्न करना। निश्चित रहते हैं (शार्ट हैंड राइटिंग)। -विधिक विचारसंकोच-पु० [सं०] सिकुड़ना; बंद होना, मुँदना (नेत्रका); पु० (समरी ट्रायल) न्यायालय द्वारा किसी वाद या हलकी लज्जा; संक्षेप; सूखना (जलाशयका); कमी; मामलेपर विधिक दृष्टिसे संक्षेपमें किया गया विचार । हिचक; एक अलंकार । -कारी(रिन् )-वि० विनम्र, संक्षिप्तीकरण-पु० [सं०] किसी कथा, विषय आदिको शरमानेवाला । -रेखा-स्त्री० झुरी, सिलवट । संक्षिप्त करना, संक्षेपण।। संकोचन-पु० [सं०] सिकुड़ना एक पहाड़; ( कॉम्प्रेशन) संक्षेप-पु० [सं०] फेंकना; हरण; घटाना; छोटा रूप; दबाव डालकर किसी वस्तुका आयतन कम करना । सारांश। संकोचना*-स० क्रि० संकुचित करना । अ० कि० संकोच | संक्षेपक, संक्षेप्ता(प्त)-वि० [सं०] फेंकनेवाला; संक्षिप्त करना। या छोटा रूप देनेवाला। संकोचनी-स्त्री० [सं०] लजालू । | संक्षेपण-पु० [सं०] फेंकनाः (ऐबिजमेंट) संक्षिप्त करना । संकोची(चिन्)-वि० [सं०] संकुचित होनेवाला | संक्षेपतः(तस)-अ० [सं०] संक्षेपमें, थोड़ेमें । (पुष्पादि); सिकुड़नेवाला; लजानेवाला; विनम्र । संख-पु० दे० 'शंख' । -नारी-स्त्री० एक छंद । संकोपना-अ.क्रि. क्रोध करना । संखिया-पु० एक बहुत तेज विष जो एक उपधातु है; इस संक्रम-पु० [सं०] साथ जाना; गमन; भ्रमण; प्रगति; उपधातुका भस्म । संक्रमण; सूर्य या नक्षत्रकी वीथी; तंग रास्ता, दुर्गम मार्गः | संख्यक-वि० [सं०] संख्यावाला (समासांतमें)। कठिनाईसे आगे बढ़ सकना पुल, सेतु; घाट; उद्देश्य- | संख्या-स्त्री० [सं०] गणना, गिनती; अंक; तादाद; लिखे प्राप्तिका साधन; तारेका टूटना, स्कंदका एक अनुचर ।। गये पत्रों या सामयिक पत्रादिपर दिया गया क्रमांक संक्रमण-पु० [सं०] गमन भ्रमण; एक स्थिति या अवस्था- नाम । -लिपि-स्त्री० लिखनेकी एक प्रणाली जिसमें से दूसरीमें प्रवेश; राश्यंतरमें सूर्यका प्रवेश, संक्रांतिः | अक्षरोंकी जगह अंक रखते हैं। -वाचक-वि०जिससे हस्तांतरण मृत्यु । -काल-पु० (ट्रांजीशनल पीरियड) संख्याका बोध हो, संख्याका सूचक । एक स्थिति या युगसे निकलकर पूर्ण रूपसे दूसरी स्थिति | संख्यातीत-वि० [सं०] अगणित, बेशुमार । या युगमें संक्रमित (प्रविष्ट ) हो जानेके बीचका समय । संख्यान-पु० [सं०] गणना, शुमार राशि, संख्यामाप । -नाश-पु० (डिसइनफेक्शन) रोगके संक्रमणसे बचाव संख्येय-वि० [सं०]गणनीय,जो गिना जा सक विचारणीय। या मुक्ति । -नाशक-वि० (डिसइनफेक्टेंट) जो रोग संग-अ० साथ, सहित । पु० [सं०] मिलन; साथ होना; फैलनेवाले कीटाणुओंका नाश कर सके, रोगका संक्रमण | योग; दो नदियोंका मिलना, संगमः संसर्ग, स्पर्श, For Private and Personal Use Only
SR No.020367
Book TitleGyan Shabdakosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmandal Limited
PublisherGyanmandal Limited
Publication Year1957
Total Pages1016
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size28 MB
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