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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कलवार कलदार वि० कलदार (सिक्का) कलप पुं० कलप; खिजाब कलपवू अ०क्रि० झुरना (२)कलपना कलफ पुं० कलप; खिज़ाब [बोलना कलबल स्त्री० कलबल (२) अस्पष्ट कलबलाट पुं० कोलाहल ; शोर-गुल कलम स्त्री० क़लम ; लेखनी (२) लिखावट (३) कूची; तूलिका (४) रचना-कौशल; लेखनशक्ति ; चित्रकारीका जौहर [ला.] (५) (पेड़पौधेकी) क़लम; पैबंद (६) दफ़ा; धारा (कानूनकी) (७) करारकी शर्त (८) भामा या लिपि; उदा० 'त्रण कलम जाणनार' । [-कपावी =इज्जत जाना (२) बरतरफ़ होना। -करवी कलम लगाना (पेड़, पौदा)। -चालवी, चलाववी=बिना रुके सुंदर ढंगसे लिखना। -लागवी (कानूनकी धारा) लागू होना; दफ़ा लगना.] कलमदान न० कलमदान कलमबंदी स्त्री० दफावार या पैरे बाँधकर की हुई चौकस लिखाई (२) कुर्कनामा (३) ज़ब्त की हुई चीज़ोंकी तफ़सील (४) किसी भी भागकी व्यवस्था या कामकाजकी पद्धति बतानेवाली तफ़सील (५) कौल-करार कलमवार अ० धारानुक्रमसे या इसके अनुसार वि० कलमी (पेड़) कलमी पुं० एक प्रकारके चावल (२) कलमेशरीफ पुं० कलामे पाक ; कुरान शरीफ़ कलमो पुं० कलमा; कुरानका मूलमंत्र कलरव पुं० कलरव(खासकर पक्षियोंका) कलवो पुं० कोर; निवाला (२) घोड़ी चढ़नेके पहले दूल्हेको कन्यापक्षकी कलेक्टर ओरसे भेजा जानेवाला कच्चा 'कंसार'; कलेवा फलंक न० कलंक; दाग़; धब्बा (२) तोहमत । [-उतार, धोई नाखq= कलंक धो डालना; दोष दूर करना । -चड, चोटवू, बेसवू, लागवू = ऐब लगना; दाग़ लगना. कलंकी (-गी) पुं० कल्कि कलंदर पुं० कलंदर; मुसलमान साधु (२)निःस्पृह व्यक्ति; फक्कड़ (३) मदारी (४) वर्णसंकर कला स्त्री० कला; अंश (२) चंद्रका सोलहवाँ भाग; कला (३) मिनट' - डिग्रीका साठवाँ हिस्सा [ग.] (४) कालका एक मान (५) युक्ति ; हिकमत (६) हुनर; कला; कारीगरी (७) सुंदर रचना या ऐसी हिकमत ; कला कलाई स्त्री० कलई; राँग (धातु) (२) कलईका मुलम्मा, लेप । [-कराववो= [ला.] सब बाल मूंडवाकर सिर सफाचट कराना; हजामत बनाना, बनवाना.] कलाईगरो, कलाईवाळो पुं० कलईगर कलाक पुं० ६० मिनटका कालमान; घंटा कलाडी (ला') स्त्री० मिट्टीका छोटा तवा कलाडु (ला') न० देखिये 'कलेडु' कलाबो पुं०बाँहका कट (२)दो सिरोंको जोड़ने के लिए बीचमें रखी जाती लोहेकी अँकुड़ी [उद्योगशाला कलाभवन न० हुनर और कलाकी शाला; कलामेशरीफ़ पुं० कुरान-शरीफ़ कलाल पुं० कलाल ; कलवार कलावq(०पटावकुं) सक्रि० युक्तियुक्त (रोचक) बातोंसे समझाना। कलिंगड (-डं) न० कलिंग; तरबूज कलेक्टर पुं० कलक्टर For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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