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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org ओरर्खु ओरखं स० क्रि० में डालना; सदा० 'घंटीमा दळवानुं अनाज ओरवुं ' (२) (बीज) बोना; बाँसेसे (खेत में) बोना (३) ( पकानेके लिए) दाने अदहनमेंखौलते हुए पानी में - डालना (४) मुँह में ठूसना खाना ( तिरस्कारमें) ओरशियो पुं० होरसा; पत्थरका चकला | [ ओरशिया जेबुं साफ = बिलकुल सपाट (२) निर्वंश ; संततिरहित [ला. ].] ओरस पुं० देखिये 'उरस' ओराढवं स० क्रि० देखिये 'ओढाडवं' ओरियो (ऑ) पुं० देखिये 'ओरतो' (२) किनारे परका कुँआ ओरी स्त्री० एक छुतहा रोग ( प्रायः बालकोंका); खसरा ओलवधुं (ल' ) स० क्रि० बुझाना ओला पुं० कच्चा चमड़ा; खाल [ पौदर ओलाण (-j) (ऑ; ला') न० नैची; ओलाव (ऑ) स्त्री० औलाद; संतान (२) कुल ओलां न० ब० व० ओले ओलियं (ऑ) वि० भोला; सरल; उदार (२) भक्त [बंदा ; भक्त ओलियो (ऑ) पुं० औलिया (२) खुदाका ओलुं वि० वह [हुआ छोटा चूल्हा ओलो (ऑ) पुं० चूल्हेके साथ लगाया ओल्युं वि० वह ओवारणं न किसीके अमंगल या दुःखके निवारणके लिए आशिष देनेकी एक रस्म वारना [ ( २ ) निछावर करना 'ओवावं स० क्रि० वारना; बलैया लेना ओवा पुं० (नहाने, धोनेका) घाट ओशरी (ऑ) स्त्री० ओसारी ; दालान; बरामदा Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ૪ ओसान ओशलो पुं० छाती (२) (बाजरे की ) मोटी रोटी ( तिरस्कारमें) । [-नो ओशली कूटवो मर जा मुआ ऐसी बददुआ देना । करवो, टीपवो = रोटियाँ बनाना ( २ ) रसोई करना (३) खूब पीटना . ] ओशियाळ वि० देखिमे 'ओशियाळु ' (२) स्त्री० न० आश्रय, गरज या एहसान के कारण उत्पन्न होनेवाली पराधीनता या दीनता ; ओशियाळु वि० आश्रय, गरज या एहसान के कारण दबैल या पराधीन (२) शर्मिंदा (३) न० उक्त प्रकारकी पराधीनताका भाव ओशिकळ, ओशिंगण (ऑ) वि० आभारी ओशीकुं न० सिरहाना; तकिया ओसड न० औषध; दवा ( २ ) उपाय; इलाज [ला. ] । [ -करवुं = दवा या इलाज करना ( २ ) विघ्न दूर करनेका इलाज करना । - वाटवं = (२) बदनाम करना. ] ओसडसड न० दवा-दारू = सज़ा करना ओडि न० दवाके गुणोंवाली वनस्पति ओसरवुं (ऑ) अ० क्रि० पीछे हटना; सिकुड़ना (२) कम होना; घटना ( ३ ) सूखना ( ४ ) लज्जित होना; शरमाना ओसरी (ऑ) स्त्री० देखिये 'ओशरी' ओसक्युं स० क्रि० पसाना ओसवावुं अ० क्रि० ( दाना) पकना; गलना; सीझना ( २ ) जज्ब होकर कम होना ( ३ ) मनमें दुःखी होना; मन मसोसना [ला. ] (४) लज्जित होना ओसंगो (ऑ) पुं० शरम; संकोच ओसाण (न) (ऑ) पुं० हिम्मत; जोश; धैर्य (२) निशानी; चिह्न For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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