SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 65
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कंबण वहोरवो = जान-बूझकर दुःख या • झंझटमें फंसना। -मां जq= ग़फ़लत या अनजानमें जाना.] ऊंघण स्त्री० ऊँघ (२) बहुत सोनेकी आदत मालसी; अहदी ऊँघणशी वि० ऊँघनेका आदी (२) ऊँघवं अ० क्रि० ऊंघना; नींद लेना (२) आलसी होकर पड़े रहना; अलसाना (३) अनजाने-अज्ञानमें रहा करना [ला.] । [ऊंधी जसो जाना; गहरी नींदमें गड़प होना (२) (किसी बात या कार्यमें असरकारक होनेसे) बचना; बलासे पड़ा रहना; घरा रहना; उदा० ऊंघी जाय न आवे तो.'] ऊंचारवं अ० क्रि० सुलाना (२) छोड़ देना; शांत करना ऊंचाळ (0) वि० ऊँघनेका आदी (२) जरा जरामें ऊँघे ऐसा अंध वि० उच्च;-से बढ़कर; श्रेष्ठ (२) उमदा; बढ़िया [सिर पर उठाना अंचकवं स० क्रि० उठाना (२) (बोझ) ऊंचकामण न०, (-मी) स्त्री० उठानेकी उजरत; ढुलाई [मदद करना ऊंचकाव, स० क्रि० उठवाना; उठानेमें ऊंचका अ० क्रि० उठाया जाना ऊंच-नीचभाव पुं० अमुक ऊँचा और अमुक नीचा ऐसी भावना ऊँचाई स्त्री० ऊँचाई; बुलंदी ऊंचाण न० ऊँचाई (२) ऊँची जगह टीला ऊंचं वि० ऊंचा; बुलंद; नीचाका उलटा (२) उच्च ; बढ़कर; उमदा (कद, प्रमाण आदिमें) (३) खूब चढ़ाया हुआ (स्वर, आवाज) (४) अनमना; उदास (मन, जीव)। [ऊंची मांस करवी = ( किसी काममें से) आँख उठाना; ध्यान दूसरी ओर जाने देना (२) कोष या विरोष दिखाना; आंख दिखाना। -आवq= (दुःख, पीड़ा, भार आदिसे) छूटना; उबरना; मुक्त होना।-करवंबोझ सिर पर रखना; इसके लिए मदद करना (२) गड़े मुर्दे उखाड़ना। बावई झूठा बखान करना; अति मान देना; चढ़ाना। -जो = काममेंसे अवकाश निकालना या पाना (२) निगाह डालना; खयाल रखना। -नेऊ मामु राखq= गर्वसे इतराना; घमंडमें चूर होना। -मूक, मेलq= अलग या दूर रखना; छोड़ देना; भूल जाना (काम, हया, पढ़ाई आदि) (२) छिपाकर रखना; छिपा देना; बचत करना; संभालना.] ऊंनी वि० ऊँचा-नीचा; ऊबड़खाबड़।[-करवंतरतीबसे रखना; साफ़-सूफ़ करके व्यवस्थित करना (२) खलबली पैदा करना; अशान्ति खड़ी करना [ला. 1ऊंचो नीचो हाथ परवो = अन्यायसे धन कमाना; ऊपरकी आमदनी करना. ऊंचे अ० ऊँचे। [-चडाव देखिये 'ऊंचुं चडावq.] ऊँचेपी अ० ऊँचाईसे; ऊपरसे (२) छुए बिना; ऊंचेसे (३) ऊँची आवाजसे; ऊँचेसे (४) आकाशमैसे ऊंजण न० तेल देना (२) तौलनेका द्रव्य - तेल, अरंडीका तेल वगैरह ऊंज, स० क्रि० तौलना; तेल लगाना (२) रोग या भूत-प्रेत निकालनेके लिए मंत्र पढ़कर फूंकना; झाड़ना For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy