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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir . CS सगरी)(स्त्री.शमीकी फली संगर [साथ; समस्त;पूरासमूचा सांगोपांग वि० (२)०. अंग-प्रांगोंके सागर (0) अ०कि. चलना,संचना [प.] (२) जाना; विदा होना सांच, (०) सक्रि० संचय करना; इकट्ठा करना; संचित करना। साधाकाम (०) न० यंत्र; कल; मशीन (२)कलका काम; यंत्रकाम (३)यंत्रकी बनावट, कल,'पुरले आदि [ठप्पा सांचो (०)पुं०यंत्र; मशीन (२)सांचा; सांज (०)स्त्री०संध्या; शाम, सशिप.] । [-यवी, पडवी-सांयकाल होना,शोम होना (२) बहुत देर करना ला.] । -पारवी-विलंब करनाकाम खटाईमें डालना;शाम-सुबह करना। सवार= रोज; निरंतर; लगातार.] सांबरे(०) अ० शामको सांजी (०)स्त्री० शामको गानेका लग्न गीत (२) आरती तांजे (०) देखिये 'सांबरे' सांस, सांबरे, सांसी, साँझ देखिये 'सांज आदि [सूखा डंठल ; रहा सांठी(०) स्त्री० अरहर,कपास आदिका सांगे (०) पुं० ज्वार, ईख बादिका गांठदार हरा तना; सांठ (ईखका) सांशी, सांसी, सारसो (.) देखिये 'साणशी' मादि आदमी,साडला.] साह (0) पुं० सांड़ (२) मतपेफ़िक सांड (,) स्त्री० सांड़नी; ऊँटनी सांदनी (०) स्त्री० साड़नी सांठियो (०) पुं० देखिये 'सांड' पुं० सांडगे (0) पुं० एक जंतु; सांडा.." सांस (.)स.क्रि. पी या तेलमें तलना या सेंकना सांती(.)स्त्री०एक हलसे जोती माय उतनी उमीन; जोत (२) न० देखिये 'सांतीहूं' सांतीषु (०) न० हल; सीर सांतलं (.) न लको जोतने में प्रयुक्त एक प्रकारका जुगासांच(थ,) स्त्री मीनके मालिकको लगानके रूपमें ठहराई हुई शर्त पर अनाज या रुपयोंमें मिलनेवाला उपजका भाग; बटाई; गल्लई। सांये आपाईमूक = जमीन जोतने के लिए देना जिसमें मालिकको लगानके रूप में उपजका नियत हिस्सा मिले. सायq (०) सक्रि० बटाई पर खेत जोतनेको देना साथियो, सांयी, सायोगे पुं० पट्टे पर जमीन जोतनेवाला काश्तकार:असामी सांय (०ध;) स्त्री० देखिये 'सांधों(२) कताई,बुनाई बादिमें तार जोड़ना सांप सापन(०)न० जोड़नेकी क्रिया;जोड़; संघि(२)आगेकी वस्तुके साथ जोड़ना संधान(३) परिशिष्ट; किसी कीलका पूरक बंश .. सांधणी (०) स्त्री० जोड़नेकी क्रिया; जोड़(२)जोड़नेकी कुशलता या रीति सांधवं (०) अ०क्रि० सीना (२) दो चीजों, टुकड़ोंको चिपकाना, मिलाना आदि; जोड़ना (३) टाकना; जोड़ना (४) (बरतनको) झालना; टांका लगाना; चकती लयाना सांपो (०) पुं० वह जगह जहाँ दो चीजें जुड़ें; जोड़; संधिस्थान (२) फटा या टूटा हुआ दुरुस्त करनेके लिए लगावी हुई विमली या चकती। लोसफलता मिलना (२) मेल साम For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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