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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir Titilllifi ४८२ शोर.स.कि सोखना; जज्ब करना भीजी पुं० (आदरार्थ ब०व०) प्रभु शोषा अ० कि० शोष'का-कर्मणि; विष्णु (२) स्वामीनारायण संप्रदायके सूखना; जलहीन होना प्रवर्तक श्री सहजानन्द स्वामी शौच न० शौच; शुद्धिः पवित्रता; बीफळ न० नारियल श्रीफल ।[-बापj स्वच्छता (२)मल त्याग द्वारा परीर- = छुट्टी दे देना; बरतरफ़ करना.) शुद्धिःपाखाने जाना। [-4g=पाखाने भीमंत वि. श्रीमंत; धनी; लक्ष्मीवान जाना; मल त्यागके लिए जाना.] .. (२) राजाओंके नामके पूर्व लगाया शौचकूप: पुं० संडास, पासाना.. जानेवाला शब्द ... भाव श्मशान न० श्मशान; मसान; मरघट श्रीमंताई स्त्री० श्रीमंत या पनी होना स्मशानियो पुं० मुरदेको कंधे पर उठा श्रुतलेखन न० सुनकर लिखना; बोलकर कर मसानमें ले जानेकाला; कंधा लिखाना; इमला; 'डिक्टेशन' देनेवाला... [तकलीफ़;श्रम श्वसन न० श्वसन; सांस लेना (२) श्रम पुं० श्रम; थकान (२) मेहनत; पवन; वायु; श्वसन श्रमजीवी वि० शारीरिक परिश्रम कर श्वसवं स० क्रि० सांस लेना; जीना जीविका चलानेवाला, श्रमजीवी श्वसित वि० श्वास द्वारा लिया हुआ (बुद्धिजीवीका उलटा); मजदूर या छोड़ा हुआ; श्वसित (२) हाँफा श्रमण पुं० बोर या जैन संन्यासी ... हुआ (३) न० श्वास; श्वसित अब स० क्रि० श्रवण करना; सुनना श्वास पुं० श्वास; साँस; श्वसित भाप.पुं० देखिये 'शाप' (२) दम; हांफा; श्वास (३) मावक वि० सुननेवाला; श्रावक (२) वर्णका एक बाह्य प्रयत्न व्या.] पुं० बौद्ध भिक्षु; जैन संन्यासी; धावक [-ऊपरयो = वेगपूर्वक श्वासोच्छ्वास धावण पुं० श्रावण; सावन (मास)। चलना; सांस उखड़ना; साँस चढ़ना; [-भादरवो बहेवो = बहुत विलाप हांफना (२) आसनमरण होना; करना; आठ-आठ आँसू रोना.] सांस ऊपरको चढ़ना। -सायोश्री पुं० मंगल-सूचक शब्द जो किसी दम मारना; सांस लेना; सुस्ताना । लिखावटके आरम्भमें प्रयुक्त होता है -छूटबो = सांस रोकना; वम (२) 'श्रीमान्, 'श्रीमती' का संक्षेप साधना; सांस चढ़ाना। -घेरावो = (नामके पूर्व आदरार्थ जोड़ा जाता दम घुटना; सांस ऊपरको चढ़ना है);श्री (३) छः रागोंमें से एक राग; (२) दिल लगना; विश्वास संपादित श्री(४)स्त्री लक्ष्मी; श्री (५)शोभा; होना। -चडवो = साँस चढ़ना; सांस सौन्दर्य; श्री (६)त्रिवर्ग-धर्म, अर्थ फूलना(२)दमेका हमला होना। पहार और काम ; तीन पुरुषार्थ;श्री।[-गणे- काडतां लगी-आखिरी दम तक . शाय नमः श्री गणेशको नमस्कार मरते दम तक। -मूकयोमाराम (२)पुं० ब० व० आरंभ; श्रीगणेश.] करना; दम मारना (२) मर जाना; For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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