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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शापवं शापवं सक्रि० शाप देना; सरापना [प] शाबाश अ० शाबाश; धन्य; वाह शाबाशी स्त्री० शाबाशी; धन्यवाद; सराहना [शामी; सामी शाम स्त्री० मूसलकी लोहेकी सामी; शाम अ० क्रि० शान्त होना शामळ (-ळियो) पुं० श्रीकृष्ण; सांवलिया; श्याम शामळू वि० सांवला; काला; श्याम शामळो पुं० श्रीकृष्ण; साँवलिया शामियानो पुं० देखिये 'शमियानो' शार (शा') पुं० छेद; सूराख शारडी (शा') स्त्री० छेद करनेका औजार; बरमा शारगे (शा') पुं० बड़ा बरमा (२) बहुत पानीके लिए कुएंके तलमें छेद करना या जमीनमें पाइप उतारकर कुओं बनाना; 'बोरिंग' शारवं(शा') स० क्रि० छेद करना; छेदना; बेधना (२) ताना मारना; कोसना [ला.] शाल स्त्री० शाल; ऊनी चादर शालदुशाला पुं० ब०व० सम्मानार्थ दिये जानेवाले पगड़ी, शाल-दुशाले आदि शासन न० शासन ; दंड; सजा(२)अमल, राज्य; हुकूमत; शासन (३) आज्ञा; हुक्म (४) उपदेश [शासनतंत्र शासनतंत्र न० राज्यतंत्र;शासनव्यवस्था; शासनपति स्त्री० शासनप्रणाली . शाह पुं० मुसलमान राजा; शाह; बादशाह (२) सराफ (३) प्रामाणिक, प्रतिष्ठित व्यक्ति; शरीफ़ (४) चोर (व्यंग्यमें) (५) बनियोंका एक अल्ल.. [जीरा; काला जीरा शाहजीरं न० एक औषधि; स्याह माहबोग वि०, शाहजोगी वि. स्त्री. सच्चा; ईमानदार (२)(संदेह निवारण करनेके बाद) सकारने योग्य (इंग) शाहमग न० एक पक्षी; शुतुरमुर्ग. शाही वि० शाह-संबंधी; शाही (२) साम्राज्यका; साम्राज्यसे संबद्ध शाही स्त्री० स्याही; रोशनाई शाहीचूस पुं०न० स्याहीचूस; सोख्ता शाहुकार पुं० साहूकार; सराफ़; महाजन (२) सच्चा, ईमानदार व्यक्ति (३) (व्यंग्यमें) चोर; धूर्त.. शाहकारी स्त्री०लेन-देन आदिमें सचाई; ईमानदारी; सचाई शाहुरी स्त्री० एक जानवर; साही शाहेद पुं० गवाह; शाहिद शाहेवी स्त्री० गवाही; शाहिदी; शहादत पुं० शाहिद; गवाह शाहेर पुं० शायर; कवि शाहेरी स्त्री० कवित्व; कविपन (२) कविता; शायरी शाळ स्त्री० शालि; धान शाळा स्त्री० मकान; शाला; गृह (२) पाठशाला; मदरसा । शाळोपयोगी वि. विद्यार्थियोंके उप__ योगका; शालोपयोगी शांति स्त्री० शान्ति; वेग, क्षोभ या क्रियाका अभाव (२) क्लेश, कजिया या युद्धका अभाव; शांति (३) निःशब्दता; खामोशी; सूनापन (४) मानसिक या शारीरिक उपद्रवोंका शमन; काम, क्रोध, रोग, पीड़ा, ताप आदिका शमन; शांति (५) धीरता; मनकी स्थिरता,स्वस्थता (६)विश्राम; आराम; निवृत्ति; शान्ति। [-भवी = तृप्ति होना (२) युद्धादिका न For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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