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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सकरि ४७१ साहरिपुं न० एक कंद; शकरकंद शसस पुं० शख्स; व्यक्ति आदमी शकरी स्त्री० क्षिकरेकी मादा शल्लो पुं० देखिये 'लखोटी' (२) भाकरी (बाज) पुं० शिकरा (२)ला.] देखिये 'शक्को ' नं. २, ३ पक्का उठाईगीरा, उचक्का शग स्त्री० (दीयेकी) लो; दीपशिखा शकवी वि० जो शक प्रवर्तित करे; शगरी स्त्री० अंगीठी। [-माये तेवी, जिसकी स्मृतिमें शक प्रवर्तित हो; युग- बहोरवी = अन्यका झंझट अपने ऊपर प्रवर्तक; स्मरणीय ले लेना; पराई आगमें कूदना.] . शक, अ०क्रि० समर्थ होना; शक्तिमान शगराम पुं०; न० देखिये 'शिगराम' होना; सकना (२) संभव, मुमकिन शण न० सनका पौधा; सन (२) होना; सकना उसकी छालके रेशे; सन शकुन न० शकुन; सगुन; शगुन (२) शणगार पुं० शरीरकी शोभाके लिए पक्षी; शकुन।[-जोवा-शकुन देखना, अलंकार, गहने आदि; सिंगार; शृंगार निकालना, बिचारना । थवा, लेवा शणगार, स० क्रि० शृंगार करना; शुभ सगुनके रूपमें मान्य करना; सजाना;संवारना; सिंगारना[प.] (२) सगुन होना.] शके अ० मानो; गोया; जैसे गहने पहनना [फूटना,अंकुर उगना शकोदं न सकोरा; कसोरा शणगावं स० क्रि० अंकुराना; अखुआ शक्करटेटी स्त्री० देखिये 'शकरटेटी' शणगो पुं० अंकुर; अंखुआ शक्करपारो पुं० देखिये 'शकरपारो' शणियुं न० सनका कपड़ा; शाण ; सनिया शक्फरिपुं न० देखये 'शकरियु'. शत पुं० शत; सौ शक्कल स्त्री० शकल; शक्ल'; रूप । शतक न० शतक; सौका समाहार(२) .[-फरी जवी, बदलाई जवी = स्वरूप, शताब्दी;शती; सदी; शतक चेहरा, गुण-धर्म आदि बदल जाना; शताब्दी स्त्री० शताब्दी; सदी; शती सूरत बिगड़ना.] (२)सौ सालोंका उत्सव शक्कादार वि० शानदार चेहरेवाला; शत्रुवट स्त्री० शत्रुता; दुश्मनी; बैर डौलदार (२) मोहक;प्रतिभासंपन्न; शनि पुं० शनि (ग्रह) (२) शनिवार शानदार (३) नीलम ; शनिप्रिय । [- नी क्शा शको पुं० देखिये 'शिक्को' (२) सुन्दर, = दुर्भाग्य साढ़ेसाती;भारी आपत्तिका भव्य मुखाकृति; सूरत-शक्ल (३) समय.] (गहने आदिकी) चमक शब न० शव; लाश; मुरदा शक्तिमत्ता स्त्री० शक्तिमान होनेका शब्द पुं० शब्द ; ध्वनि; आवाज भाव; शक्तिमत्ता; सामर्थ्य (२)बोल; वचन (३) शब्द (वाक्यमें शक्यमेव पुं० क्रियाका शक्यार्थसूचक आया हुआ सार्थक पद) [व्या.] । वाच्य[व्या.] [रूप,संभावमार्थ व्या.] करवो= आवाज करना।-काढयो शपयार्थ पुं०शक्यता बतानेवाला क्रियाका बोलना,आवाज निकालना।देशन For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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