SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 466
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ४५६ वास्ते जाना; गश्त ; फेरा (२)बदलना, परि- वावासोई न० आंधी; अंधड़; तूफ़ान वर्तन, फेर (दशाका) वावं अ० क्रि० हवाका चलना, बहना वारी स्त्री० बारीपारी(२)बदला लेनेका (२) (शरीर पर ठंडका) असर होना; मौक़ा - अवसर लगना (३)सक्रि० बजाना बार अ० अच्छा; खैर; अस्तु (२)वि० बाएँ स० क्रि० ब्याना; बियाना अच्छा; सुंदर; ठीक बावेतर न० बोआई; खेती (२)बोयी बारेघडीए अ० बार-बार; फिर-फिर हुई चीज़ (३) बोयी हुई ज़मीन बारो पुं० बारी; पारी (२) तातील'; वाश (श,) स्त्री० (श्राद्ध आदिमें)काकबलि छुट्टी; काम बंद रहनेका दिन (३) वास पुं० बसना; बास; निवास (२) "घड़ा; कलसा।[-बांधवो=कोई चीज़ वासस्थान; घर; बास ; मुक़ाम (३) नियमित रूपसे देनेका क़रार करना। मोहल्ला (४) स्त्री० बास ; गंध (५) -मकवो = गरम पानीका कलसा पेट- बदबू; दुर्गध [सदरी; फ़तूही पर रखकर सेंकना.] वासकोट पुं०; न० वास्कट ; फतुही; पारोबारियुं वि० वारके हिसाबसे दिन वासण न० बरतन ; पात्र । [-खबरयां - गिनकर लगाया जानेवाला (सूद) = घरमें (प्रायः पति-पत्नीके बीच) पाल पुं० तीन रत्तीके बराबरकी एक झगड़ा होना.] तोल, परिमाण वासणकूसण न० बरतन-भौड़ा बाल पुं० ब० व० एक द्विदल ; सेम बासरी स्त्री० डायरी; रोजनामचा बाल पुं० कपाटी; 'वाल्व' वासल वि० देखिये 'वासेल' वालपापडी स्त्री० सेमकी फली वासबुं स० क्रि० बंद करना काली पुं० संरक्षक; वली; अभिभावक; वासी वि० बासी (खाना, फल आदि) गार्जियन बासीयूँ न० मवेशियोंका गोबर, मूत्र बालीवारस पुं० बली या वारिस आदि कूड़ा; गोबर पालोळ (लो') स्त्री० एक प्रकारके बासेल वि० परती (खेत) सागकी फली; सेम वासो पुं० बसेरा करना; बसना; टिकना बाव स्त्री० बावली; बावड़ी (२)मुकाम; बसेरा(३)दिन; वासर बावटो पुं० झंडा; पताका वासोती (-पी) पुं० रखवालीके लिए वावर पुं० खबर; पता; समाचार (२) खेतमें रात रहनेवाला; अगोरिया किसी बीमारी-रोगका फैलना। वास्तव न० देखिये 'वास्तविकता' वावरिंग न० बायबिडंग (औषधि) वास्तवदर्शी वि० यथार्थदर्शी; रियलिस्ट' बावणियो पुं० बीज बोनेका साधन;बाँसा वास्तविक वि. वास्तविक; यथार्थ; वावणी स्त्री० बोनेका काम; बोआई सत्य (२) उचित; वाजिब पावर पुं० देखिये 'वावड'. वास्तविकता स्त्री० सच्ची हक़ीक़त; बाव, स० क्रि० बोना ....... । वास्तव (२) औचित्य; मुनासबत बावंटोळ पुं० बवंडरका तूफ़ान; आंधी वास्ते अ० वास्ते; लिए; हेतु For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy