SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 448
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वट वघर९ ४३८ वघरडं न० साठी जैसा लाल धान (२) वछ स्त्री० वस्तु; चीज चोकर; कचरा; बनावन वछनाग पुं० बछनाग वघरj न० विघ्न; बाधा वछूटवू अ० कि० छूटना; सटी, चिपकी वघरो पुं० टंटा; अनबन (२) विघ्न । चीज़का अला होना (२)सटी चीजसे (३) बिगड़ना या सड़ने लगना । अलग होकर उड़ना, वेगसे फेंका जाना; वघार पुं० बघार; छौंक (२)टुपकना; छूटना [हुआ; वियुक्त उभाड़ना;उकसाना; चुटीली बातला. वछटुं वि० बिछुड़ा हुआ; अलग किया वघारणी स्त्री० हींग वछेरी स्त्री० बछेड़ी; बछेरी वघार, स० क्रि० बघारना; छौंकना वछेरुं न० घोड़ीका बच्चा;बछेड़ा;बछेग्न वच स्त्री० बीच; मध्यस्थता वछेरो पुं० घोड़ीका नर बच्चा; बछेड़ा; वचकलं न०हरज; आपत्ति ; बुरा लगना बछेरा (२) बछड़ा (तुरतका खसी वचक (-का), अ० कि० बुरा लगना; किया हुआ) नाराज होना; रूठना (२) बीचमेसे वछो पुं० बिछोह; वियोग (२) भेद ; फूट खिसक जाना वछोडवू स० क्रि० सटी, चिपकी चीजको वचकुं न० विघ्न; बाधा अलग करना; पकड़से निकालना; वचको पुं० बुरा लगना (२) हरज; छोड़ना आपत्ति (३) वहम वज स्त्री०; न० बच;वचा (एक वनस्पति) बचगालो पुं० बीचका हिस्सा; बीच । वजन न० वज़न ; भार (२) तौल ; वज़न वचन न० वचन; कथन; वाक्य ; बात (३)/ला. महत्त्व; दबाव ; वजन (४) (२) प्रतिज्ञा; क़ौल'; वचन (३) मान; प्रतिष्ठा; वज़न। [-पउवं = वचन; उदा० एकवचन' [व्या.] । प्रभाव, असर पड़ना. -काढवं%Dकहना; बोलना; बात मंह वजरबटुं(-टुटुं) न० बजरबटू पर लाना (२)प्रतिज्ञा करना।-तोड. वजाडवू स० क्रि० बजाना q= वचनभंग करना। -मारवु = ताने वजीको पु० इनाममें मिली ज़मीन;माफ़ी मारना; कटु वचन कहना। -लेg = जमीन; इनाम [(शतरंजका) प्रतिज्ञा करना; वचन लेना.] | वजीर पुं० वज़ीर; मंत्री (२) वज़ीर वचनी वि० वचन पालनेवाला;सत्यवादी । वजीराई (-त), वजीरी स्त्री० वजारत वचमां अ० बीचमें; दरमियान वजूद न० खरापन; सचाई वचलं वि० बीचका; मझला वज्जर न० इंद्रका अस्त्र; वज्र । [-जेवू बचाळ स्त्री०, (-छं)न० बीचकी खाली __ = बहुत कठोर; वज.] जगह; बीच (२) छेद; सूराख वट वि० मुख्य ; सबका बचाळो पु० काम न आनेवाला कोना वट स्त्री० टेक ; संकल्प; प्रतिज्ञा (२) वचेट वि० मझला; बीचका आबरू (३) महाजनी; साहूकारी (४) बच्चे अ० बीचमें वह स्थान जहाँ लेन-देनका काम चलता बच्चोवच अ० बीचोंबीच ; ठीक मध्यमें हो; साहूकारा; उदा० 'नाणावट' (५) For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy