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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org मीत (माँ) न० मौत; मृत्यु मोतियो पुं० आंखकी पुतली पर लगनेवाली झिल्ली; मोतियाबिंद । [ मोतिया भरी जया = पस्त हिम्मत हो जाना; हाथ-पांव फूलना . ] मोती न० मोती । [-ना चोक पूरवा = खयाली पुलाव पकाना; बड़े बड़े मनसूबे बांघना. ] मोतीज ( स ) रो पुं० चेचकका एक प्रकार जिसमें बदन पर मोती जैसे दाने निकल आते हैं; मोतीझिरा मोद स्त्री० देखिये 'मोदियुं ' मोबियुं न दूसूती चादर या फ़र्श मोदी पुं० मोदी ( २ ) कोठारी; भंडारी (३) एक अल्ल मोबीलानुं न० मोदीकी दूकान (२) awer कोठार; मोदीखाना (३) लश्करको खुराक और कपड़े सप्लाय करनेवाला महकमा ; 'कमसरियट ' मोबदलो (मॉ) पुं० देखिये 'मोंबदलो' मोम पुं० वह बल्ला जिसपर छप्परके ठाटका बोझ रहता है; बड़ेर मोभादार वि० वज्रनदार; इज्जतदार मोभारियुं न० बंडेर पर ढकनेकी बड़ी नरिया; मोघिया मोभारो पुं० छप्परका बँड़ेरवाला भाग मोभो पुं० रुतबा ; दरजा ; आबरू ; मर्तबा मोम (माँ) न० देखिये 'माहारं ' - मोर (माँ) पुं० बौर; मौर; मंजरी मोर ( माँ, र, ) अ० आगे ; पूर्व; मोहरे पर मोरचोपुं० लश्करी मोहरेकी ब्यूहरचना; मोरचा (२) क़िलेके बुर्जका भाग जहाँ तोप रहती है; गरगज [ मयूरतुल्य मोरचूद न० नीला थोथा; तूतिया; मोरो पुं० देखिये 'मुरब्बी' ३९८ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मोसा मोरमोर (माँ-माँ) अ० (खाद्य) मुंहमें डालते ही चूर-चूर हो जाय इस तरह; खस्ता मोरली स्त्री० मुरली; वंशी मोरलो पुं० मोर मोरवण न० जामन मोरववुं स० क्रि० जमाना (दही) मोरबुं (मॉ) अ० क्रि० बौर लगना; मौर आना; मोरना; बौना मोरवं (माँ) स०क्रि० काटना; छीलना (सब्जी आदिको ) मोरस स्त्री० दानेदार शक्कर ; बीनी मोरियो पुं० साँवाँ जैसा मान; तिमी; नीवार मोरी स्त्री० मोरी; नाली (गंदे पानीकी) मोठं (माँ' ) न० (शतरंजका ) मुहरामोहरा मोहं स० मेरा मोरे ( माँ ) अ० आगे मोल (माँ) पुं० फ़सल; पैदावार मोडी वि० आगेका; अगला; सामनेका (२) पुं० अगुआ; मुखिया मोषण न० देखिये 'मोण ' मोबाळो पुं० बाल; केश मोबुं स० क्रि० स्नेहयुक्त करना; मोना मोसम (मॉ) स्त्री० मौसिम; ऋतु मोसमी वि० मौसिमी; ऋतुका मोसंबी स्त्री० नारंगीकी क़िस्मका एक फल; मोसंबी मोसाळ (माँ) न० माँका पीहर ननिहाल; ममियौरा [ आदमी मोसाळियुं (माँ) न० मामाकी तरफ़का मोसाळं (माँ) न० वह नेग जो माँबापकी ओरसे लड़कीको सीमंतके अवसर पर या उसके बेटे-बेटीके उपवीत या शादीके अवसर पर दिया जाता है; चीकट; भारत For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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