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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मुष्टी मोशी(आवळ) ३८८ मीडी (आवळ.) स्त्री० देखिये 'मीठी' मुखपत्र न किसी मंडलका पत्र:मुखपत्र मींदु वि. जो मनमें समझे मगर बाहर मुखपाठ पुं० ज़बानी याद करना;पोखना व्यक्त न होने दे;मचला(२)मक्कार;धूर्त । मुलियो पुं० प्रमुख व्यक्ति ; मुखिया (२) मीबडी स्त्री० बिल्ली ठाकुरजीकी सेवा-पूजा करनेवालोंका मौंबई न० बिल्ली अगुआ; मुखिया मुकटो पुं० देखिये 'मुगटो' मुली पुं० अग्रेसर; नायक ; अगुआ (२) मुकदमो पुं० मुकदमा; मुक़द्दमा; दावा गांवका चौधरी; मुखिया मुकरवम पुं० देखिये 'मुकादम' . मुल्यत्वे, मुख्यत्वे करीने अ० मुख्यतया; मुकरवमो पुं० देखिये 'मुकद्दमो'. अकसर; प्रायः मुकरर वि० त किया हुआ; नियत; मुख्य प्रधान पुं० मुख्य मंत्री मुकरर [इनकार करना; मुकरना मुगजी स्त्री० कपड़ेके किनारे पर लगाई मुकरj, मुकरी जवं अ० क्रि० कहकर जानेवाली रंगीन महीन पट्टी; गोट; मुकादम पुं० मुकद्दम; नायक; मुखिया; . मग़जी; संजाफ़ टंडल (मजदूरोंका) गिरी मुगट पुं० पगड़ी पर लगानेका एक मुकादमी स्त्रीमुक़द्दमका काम; नायक आभूषण (२) राजाका ताज; मुकुट मुकाबले अ० मुकाबलेमें मुगटी स्त्री० छोटा मुटका मुकाबलो पुं० बराबरी; तुलना; मुका मुगटो पुं० एक रेशमी वस्त्र ; मुटका बला (२)आमना-सामना ; मुकाबला मुबरको पुं० (गुनहगारका) जमानतमुकाम पुं० रहनेका स्थान; वास; नामा; मुचलका मुकाम (२) पड़ाव; मुकाम मुछाळो वि० पुं० मूंछोंवाला मर्द; मुछंबर मुकाव, सक्रि० 'मूकवू'का प्रेरणा मुजब अ० मुजिब; -के अनुसार पंक; रखवाना [रखा जाना मुजरो पुं० मुजरा; सलाम मुकावू अ० क्रि० 'मूकवू' का कर्मणि; - मुमवण स्त्री० दुविधा; घबराहट;उलझन मुक्की स्त्री० मुक्का; चूंसा मुमारी स्त्री०,(-रो) पुं० त्रिदोष;सन्निमुल्को पुं० मुक्का; बूंसा पात (२) घबराहट; बेचैनी मुक्तकंठे अ० खुलकर; बगैर संकोच मुझावं अ० क्रि० दम घुटना ; सांस रुकना रखे; मुक्तकंठसे (२) दुविधामें पड़ना; घबड़ाना मुख न० मुख; मुंह (२) चेहरा; मुख- मुळी स्त्री० मुट्ठी; मुश्त (२)मुट्ठीभर मंडल (३)आगेका या ऊपरका हिस्सा आटा या अन्न जो दानके लिए निकाला (४) मुहाना; नदीमुख जाय) मुट्ठी; चुटकी। [-चांपवी, मुखत्यार वि० जिसे अपनी मर्जीके अनु- बाबवी - मुट्ठी गरम करना; घूस सार कार्य करनेकी सत्ता दी गई हो; देना। -मां राखy = अपने हाथमेंमुखतार (२) एलची; प्रतिनिधि कब्जेमें रखना; मुट्ठी में रखना। मुखतार बाळवी = हथेली बांधना (२)देनेसे मुखत्यारनामुं न० मुखतारनामा इनकार करना.] For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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