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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir = मोज मारना; लुत्फ उठाना। -परवी = सुख भोगना; आनंद मिलना; मजा आना.] मजाक स्त्री० मजाक ; हंसी; दिल्लगी मजागन० (किवाड़का)कम्जा; कुलाबा मजार्नु वि० मज़ेदार; मनोहर; जिसमें आनंद आये ; मजेका मजाल स्त्री० मजाल; सामर्थ्य मजिया वि० संयुक्त ; साझेका (२)न. भागीदारी; पत्तीदारी; साझा मनीठ स्त्री० एक वनस्पति; मजीठ मजीठियु वि. मजीठके रंगका; गहरे सुखं रंगका; मजीठी मजूर पुं० मजदूर; मजूर;श्रमजीवी मजूरण स्त्री० मजदूरनी; मजदूरन मजूर महाजन न०, मजूर संघ पुं० मज दूर संघ मजूरी स्त्री० मजदूरी: श्रम; मेहनत (२) उज्जत; मेहनताना; मजदूरी; मजूरी [मंजूषा मजूस स्त्री० लकड़ीका बड़ा पिटारा; माचार स्त्री० मझधार; मंझधार मंझलं वि० मझला; बीचका; मझला मझा, मझा- देखिये 'मजा' आदि मटक स्त्री० नखरा; मटक मटकाव स० क्रि० (बात करते हुए) आँखें मटकाना, चमकाना मटकुं न० पलकका गिरना; झपक मटको पुं० मटक ; नाज़-नखरा; लटका मटमटाव सक्रि० आँखें मटकाना, चमकाना मटवू अ०क्रि० मिटना; दूर होना; नष्ट होना(२)रोगमुक्त होना;स्वस्थ होना मटोटी स्त्री० मिट्टी; मट्टी [मलबा मटोई न० मिट्टी, कचरा आदि कूड़ा; गु.हि-२४ ममीको मठ पुं० एक दलहन; मोठ मठ पुं० साधुओंका आश्रम; मठ (२) विद्याधाम मठारवं स० क्रि० मसलना; गूंधना(२) मठरनेसे यारदेसे ठीक करना;मठारना (३) बनना उनना; सजना-संवरना (४) मारना; पीटना; मरम्मत करना (५)छककर, मजा ले-लेकर खाना मठियुं न० मोठके आटेका पापड़ मठियो पुं० कपासकी एक जात मठेर, स० क्रि० देखिये 'मठारदुं' मठो पुं० दही मथकर बनाई हुई छाछ; लस्सी; मथित (२) (दहीकी) एक खाद्य चीज मदाल वि० देखिये 'मुडदाल' माई न० मुरदा; मुर्दा; शव मडम स्त्री० यूरोपीय गोरी स्त्री; मेम मागांठ स्त्री० खोलने पर भी न खुलने वाली गाँठ [कसकर (लिपटना).] मर्डन० मुरदा।[मडानी पेठे-मजबूतीसे; मढवं सक्रि० मढ़ना (चीज) [मईया मढी, मदली स्त्री० कुटी; मड़ई; मढ़ी; मण पुं० चालीस सेरका वजन; मन (कच्चा)। [पांचशेर कर खूब पीटना; पीटकर भरता बना देना.] मणको पुं० मनका; गुरिया मणा स्त्री० कमी; त्रुटि; खामी मणियार पुं० चूड़ियां बनानेवाली एक जातिका आदमी; चुड़िहारा; मनिहार मणियुं वि० जिसमें एक मन वजन चीज समा सके (बरतन, टोकरा, बोरा आदि); मनका मणियो पुं० मन वजनका बाट; मन मनीकुं न०, (को) पुं० मन वजनका बाट या माप For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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