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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir या पेटकी बात बताना। -उपारी पारबी, सोलबो-भेद खोलना, प्रकट करना; भंडा फोड़ना। -जाणवो, पामवो = भेद जानना। -रासदोजुदाई, भेदभाव रखना; अंतर रखना (२)रहस्य या छिपी हुई बातको प्रकट न होने देना.] भेरी वि० कूट; रहस्यमय भेदु पु. भेद या रहस्य जाननेवाला; भेदिया (२) जासूस; भेदिया; मेवी (३)फूट डालनेवाला. .. भेर स्त्री० भेर; मेरी (२)मदर्द, कुमक भेर () अ० (समासान्तमें) के साथ उत. 'होंशभेर' (२) केवल उसके बल; भर; उदा० 'पोतियाभेर' : भेरव सक्रि० टाँगना; लटकाना (२) कान भरना; भरमाना; पट्टी पढ़ाना भेरवाई अ० क्रि० 'भेरवधू' का कर्मणि (२)उलझना; फैसना भेरी स्त्री० भेरी; नमाड़ा; नौबत; भेर भेर पुं० खेलका साथी पिठू भेलाड पुं० बिगाड़; नुकसान भेलाम्स क्रि० बिगाड़ना; नष्ट करना भेळ (० मिलावट ; मिश्रण (२)बिगाड़; नुकसान (३) विघटन भंग (४)स्त्री० एक प्रकारका चबेना भेळवा सक्रि० मिश्रित करना; मिलाना (२) शरीक करना; शामिल करना; मिलाना . भेळ स० क्रि० शरीक करना; मिला लेना (२) मिश्रित करना; मिलाना (३) देखिए. भेळबळ'. भेळसेळ वि० इकट्ठा; मिला हुआ; मिश्रित (२)स्त्री० मिलावट; मिश्रण भेळसेळियं वि० मिलावटवाला भोगियी में(में) न० (२)अ० रोनेकी आवाज भेकडी(में)पुं० लंबे स्वरमें जोरसे रोना; चिल्लाहट मेंका (२)उसकी आवाज़ भंकार (.०) वि० भयानक भेंचो (मॅ०)पुं० कुटा हुआ लोंदा; लोय डा(२)कुचली हुई चीज (३) दम ; कस। [-ऊरयो, कसरी जों, नौकळवो : कुचल जाना; कुंचलनसे लोंदा बनना (२)अतिशय थक जाना; रगड़ पड़ना। -काढवो= कूट डालना; कुचलकर लोंदा बनाना (२)बहुत थका डालना: रगड़ देना.] भेंश(-)(०)स्त्री० भैस आवाज भेसासूर (भ०) पुं० भैसके जैसी मोटी भेंसो (में) पुं० दवाव; धक्का भों पुं० मय; डर भोई पुं० कहार; महरा [चुभाना भोकवं सक्रि० भोंकना; साना; भोग पुं० भोगना; भोग (२) भोगेकी सामग्री (३) नैवेद्य ; भोग(४)ला.] बुरा हाल; शामत;दुर्दशा (५)बलिदान; कुरबानी। [-आपवो बलि देना; त्याग करना; बलि चढ़ाना। -थई पड, यवं = (किसीका) शिकार होना; किसीके रोषादिकी बलि होना; कुरबान होना। -मळवा, लागवा= आ पड़ना; कमबख्तीकी मार पड़ना (२) आफ़त आना.... भोगजोगे अ० इत्तफ़ाक़से; संयोगवश; (२) शायद भोगवटो पुं० (भूमि, घर आदिका) फल भोगना; भोग; भुक्ति; कब्जा : भोगव, स० क्रि० उपभोग करना; भोगना (२) सहना; भुगतना भोगियो पुं० भोग करनेवाला; भोगी For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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