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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २४७ पेलावं (कोरट, दशा, कुर्की आदि) (१०) वर्ष समझा जाना;सुलझना (हिसाब; वाक्य; प्रश्न) (११)सपना; मॅजना; (हाथ) बैठना; उदा. 'चीतरवामां तेनो हाथ बेठो छे' (१२) बेकार रहना; बैठा-ठाला होना; बैठना; उदा. 'भाई शंकरे छे ?...बेठा छे'(१३) गला बैठना; आवाज मारी होना(१४) बाट जोहना; अगोरना; उदा० 'बेसीने हूं तो थाक्यो '(१५)कस या पैनापन दूर होना; बिगड़ना (कपड़ा, धार आदि) (१६) डूबना; उजड़ना; बैठना; आश्रयहीन होना; उदा. 'घर बेठं- माल विनानु-छोकरांछैयां विनानुं थयुं'(१७) (धाक) जमना। [बेसवा ऊवानी जगादीवानखाना; बैठक (२)वह मनुष्य जिसके साथ उठनाबैठना हो। बेसवानी गळ =आश्रयस्थान; माधार। बेसी गq= बुरी दशा आना (२)घसना; दबना (भूखसे पेट या गाल) (३) कामकाज बंद होना (संस्था); ढहना; गिरना (घर) (४)(दुकान) न जमना(५)दिशाला निकालना (६) निवंश होना; तबाह होना (७) दबना; बिगड़ना; कस कम होना (कपड़ा, सूत आदि)(८) थक जाना; हार जाना; बैठना; उदा. 'मारी तो छाती बेसी गई। सूणे बेस(पतिकी मृत्युके कारण स्वीका)सोग मनाना। घेर बेस = बरतरफ़ होना । बारणे बेसवं धरना देना.] बेसार(बें) स० क्रि० बैठाना; बिठाना (२)जमाना; अपनी जगह पर स्थित करना; बैगना; जड़ना; उदा० 'नंग वींटीमां बेसाडघु (३)बंधनमें गल देना; कैद करना; उदा. 'जेलमा बेसाडी दीधो'(४) लगाना; डालना; मत्थे मढ़ना(कर)(५) (धाक, रोब) जमाना। (घर बेसा = बरतरफ़ करना। ठाम बेसार= (स्त्रीको) घरमें डालना; बैठाना.] बेसार, (ब) स० कि० देखिये 'बेसाउबुं' बेसावं ()अ० कि० बैग जाना बेसुमार (बें) वि० देखिये 'बेशुमार' बेसूर (३)वि० खोटे या खराब सुरका; बेसुरा बेस्वाद (बें) वि० बेस्वाद; बेमजा बेहक(क) (बॅ) वि० बिना हक्क अधिकारका (२)अनाहकअकारण बेहक अ० फिरसे न उठा जाय इस तरह (पशुका बैठना) बेहाल (बॅ) वि० जिसका हाल बुरा हो; बेहाल (२)पुं०ब०व० दुर्द शा;बुरे हाल बेहाली (बॅ) स्त्री० दुर्दशा; बुरी हालत बेहूदगी, बेहूवी (बें) स्त्री० बेहूदगी; ___ बेहूदापन; अनौचित्य बहूई (बें) वि० बेहूदा; भद्दा; असंगत बेळे बेळे (बॅ;) अ० मुश्किलसे ; अत्यंत कठिनाईसे; बलपूर्वक बैं(३) (बॅ०) अ० में-में बैंक स्त्री० बैंक ; बंक बैरी स्त्री. औरत; स्त्री (२) पत्नी; जोरू। [-करवी = पत्नी बनाना या घरमें बैठाना.] बरं न० देखिये 'बैरी' बो(बोरी)स्त्री० पुलिंदा आदि बांधने की एक प्रकारकी डोरी; 'ट्वाइन' दोस्त्री० बू; गंध (२)[ला. अभिमान बोकडी स्त्री० बकरी For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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