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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पाची स्त्री० साधुनी; बाबी [प.] बावीश (-स) वि० बाईस; बाइस, २२ बा, न० मकड़ीका जाला; जाला गावो पुं० साधु; बाबा।[बावा आदम = अति वृद्ध पुरुष (२)बाबा आदम; आदि मानव। बावा भावमनो बखत - बहुत पुराना समय । बाबा के बालो थर्बु = संन्यासी बनना (२) जंजाल छोड़कर निश्चित बनना। -माच्यो एटले बोदली नाची = देखादेखी करना; भेड़चाल चलना.] बासठ वि० बासठ; ६२ बास्तु (-)बी स्त्री० रबड़ी बाहक पुं० बाहुक; बंदर (२) बौना, रावना, कुरूप मनुष्य (३) बाहुक; नलका एक नाम (४)हक्का-बक्का या बौखलाया हुआ आदमी;बावला [ला.] बाहोश वि० चालाक; होशियार बाहोशी स्त्री० चालाकी; होशियारी बाळ वि० (२)पुं० न० देखिये 'बाल'; बालक बाळउछेर पुं० शिशुपालन; शिशुसंवर्धन बाळक पुं० न० बालक बाळकबुद्धि स्त्री० बालबुद्धि; नासमझी; कमअकली; छोकरापन बाळकी स्त्री० छोटी लड़की; बालिका बाळकेळवणी स्त्री० बालशिक्षा बाळगोपाळ न० ब०व० बाल-बच्चे; बालगोपाल बाळपण न० बालपन ; बचपन बाळपोयी स्त्री० बालकोंको पढ़ना सिखानेकी पहली पुस्तक; बालपोथी (२)किसी भी विषयका प्राथमिक शान देनेवाली पुस्तक; बालपोथी [ला.] बाळबोध वि० जोबालकोंको सट समामें आ जाय; बालबोध; मासान (२) स्त्री० देवनागरी लिपि । बाळमंदिर न० बालकोंको तालीम देनेकी शाला; बालमंदिर बाळबुंस० कि. जलाना; बालना बाळुभोळु वि० बालक जैसा नासमझ और भोला; भोलाभाला . बाळोतियं न० पोतड़ा; गड़तरा(२) बिलकुल गंदा कपड़ा [ला.] बांक(ो ) (०) पुं० (बैठनेकी) बेंच बांकुं(०)वि० छैला; सजीला बांका (२) विचित्र प्रकृतिका; टेवा (३)साहसी; बांका (४)नाजुक; गंभीर (काम) बांग स्त्री० बांग; अजान बांगर (०) वि० धूर्त; काइयाँ (२) साहसी; बांका; धृष्ट [तिलेती बांगर(०)न० तेलहनका सूखा डंठल; बांगीपुं० अजा देनेवाला; मुअज्जिन बांध (-घे),(०)म०क्रि० गला फाड़कर जोरसे बोलना; उकराना (चौपायों आदिका)(२)भद्दे प्रकारसे गाना; रेंकना बांट (०)न० स्त्रियोंका एक रेशमी वस्त्र (२)बाट, वजनका सेट (३) (खेतकी) खूटी ; खुत्पी, कांटे आदि(४)पुं० एक मीठी बानगी [स०कि० बांटना बांटq(०) न० झाड़; छोटा पेड़ (२) बांडियं (०) वि० देखिये 'बांडु (२)न० छोटी आस्तीनका कुरता; बंडी; फ़तूही बाई (०) वि. बिना पूंछका (पशु); बाड़ा (२)कुरूप; महा; भोंडा(कुछ मपूर्णताके कारण) (३) खुला; नंगा . (तलवार) [बांधबंध बांष(.) पुं० पुश्ता; बड़ी मेंड(२) For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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