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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org चरचाल बदचाल स्त्री० बदचलनी (२) वि० बदचलन; दुश्चरित्र बचदानत स्त्री० बददयानत; बदनीयती बददुआ (वा) स्त्री० बददुआ; शाप बदन न० बदन; शरीर ( २ ) कुरता बदनक्षी स्त्री० बदनामी ; हतकइज्जती बदनाम वि० बदनाम; कलंकित ( २ ) न० बदनामी बदनामी स्त्री० बदनामी; लांछन ; कलंक बदतुं न०, (तो) पुं० पानीका कुंडा या कुल्हड़; तामलोट (राजके काम आनेवाला) (२) डबला (पाखाने में काम आनेवाला) बदफेल बि० बदफेल, दुराचारी [ सड़ना बदबदवं अ०क्रि० जंतुओंसे बजबजाना; बदबो (०ई) स्त्री० बदबू (२) बदनामी बदल अ० बदलेमें; एवज़में बबल स० क्रि० बदलना ( २ ) - के बादलेमें दूसरी चीज़ लेना-देना; बदलना बदलावु अ० क्रि० ' बदलबुं' का कर्मणिरूप; बदलना ( २ ) दूसरा हो जाना; पलट जाना; बदल जाना बदली स्त्री० बदली; बदलना; बदल जाना; फेरफार ( २ ) नौकरी या कामके स्थान या प्रकारका तबादला होना; तबदीली । -मां होवुं के बदलेमें या - के स्थान पर होना. ] बदले अ० बदले; बजाय बदलो पुं० बदला; मुआवजा ; एवज (२) फेरफार; अदल-बदल ; बदला ( ३ ) बैर; बदला [ मानना; बदना बदबुं स०क्रि० गिनना ; समझना ; आज्ञा बदशिकल वि० बदशकल; भोंड़ा बदाम स्त्री० बादाम ; बदाम (२) हिसाबमें एक नगण्य चलन - सिक्का I - ३३० पो = बदामी वि० बादामी; बादामके छिलके से मिलते हुए रंगका ( २ ) बादाम का बना हुआ; बादाम से संबंधित; बादामी बबी स्त्री० दुराचरण; अनीति; बुराई; बदी (२) कुटेव ( ३ ) निंदा बधुं वि० सब; सारा; सर्व; पूरा बघे अ० सब जगह; सर्वत्र बनडी स्त्री० बनी; नवोढ़ा [शादियाना बनडो पुं० बना; दुल्हा (२) शादीका गीत; बनवुं अ० क्रि० बनना; होना; निर्मित, रचित, सिद्ध होना (२) मेल होना; पटना; बनना (३) रूप, वेश भरना ( ४ ) [ला. ] बेवकूफ़ बनना (५) बनाव - सिंगार करना; बनना ( ६ ) नशे में होना; नशा छाना; रंग चढ़ना । [ बनवा काळ = भावी; होनहार । बनवा जोग - संभवित; बन पड़ने योग्य. ] बनवुंठन स० क्रि० बनना-ठनना बनात स्त्री० बनात [ मेल बनाव पुं० घटना; प्रसंग ( २ ) बनाव; बनावट स्त्री ० बनानेकी रीति; बनावट; रचना ( २ ) षड्यंत्र (३) फ़जीहत ; बनावट बनावटी वि० बनावटी; नकली बनाव स०क्रि० बनाना; रचना; निर्मित करना (२) हंसी मज़ाक़ उड़ाना; बनू ( - भू) सन० ऊनका मोटा कंबल;धुस्सा बनेवी (ने' ) पुं० बहनोई बने वि० दोनों; उभय बर्पयो पुं० पपीहा; चातक बपोर पुं० दोपहर ; दुपहरी; मध्याह्न बपोरा पुं० ब० व० दोपहरका भोजन बपोरियुं वि० दोपहरका; मध्याह्नका (२) न० दोपहरको खिलनेवाला एक फूल; दुपहरिया (३) दोपरहको करनेका काम (४) दोपहर तक * बनाना Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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