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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org पारक फरक अ० क्रि० फड़कना ; कंपित होना (२) [ला.] दिखाई देना; देखनेमें आना; दृष्टिगत होना ( ३ ) खिसकना ; चुपकेसे चल देना ३२० फरज स्त्री० फ़र्ज़; कर्तव्य । [-पडवी = कोई काम अपनी इच्छा के विरुद्ध या बरबस करना पड़ना; फ़र्ज़ आ पड़ना. ] फरजंद न० संतान; फ़रजंद (बेटा) फरजियात वि० कर्तव्यरूप; अनिवार्य ; जो फ़र्ज़के रूपमें करना पड़े; लाज़मी फरतुं वि० चारों तरफ़ आया हुआ; इर्दगिर्द (२) चलता; गतियुक्त (३) बदलता, पलटता हुआ । [-फर = आवारा घूमना (२) लगातार सफ़र करना. ] फरते अ० इर्द-गिर्द ; चारों ओर फरफर स्त्री० फुहार ( २ ) अ० हवामें उड़ता हो इस तरह; फड़-फड़ फरफर अ० क्रि० लहराना; फड़कना फरफरियुं वि० फड़के ऐसा (२) न० चिट; पुरजा [ परवाना फरमान न० फ़रमान ; हुक्म ( २ ) सनद ; फरमाव स०क्रि० फ़रमाना, हुक्म करना फरमाश (स) स्त्री० फ़रमाइश ; आज्ञा (२) सिपुर्दगी सौंपा हुआ फरमासी (सु) वि० फ़रमाइश, आर्डर से बनाया हुआ; हुक्मके अनुसार तैयार किया हुआ ( २ ) उत्तम; बढ़िया फरं अ० क्रि० इधर-उधर फिरना; ; घूमना; चक्कर खाना ( २ ) सैर करना; टहलना (३) गति करना; फिरना (४) लौटना; पलटना; बदलना । [ फरी जयं = ऊपर होकर जाना; चक्कर खाना (२) मुकर जाना; झूठ बोलना (३) बदल जाना। फरी बेस = वचनभंग करना; मुकरना ( २ ) पक्ष बदलना . ] Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir फसाएं फरशी स्त्री० रुखानी (बढ़ईका एक औजार) (२) परशु फरस स्त्री० पत्थरकी पटिया; तख्ती फरसबंधी स्त्री० गच; फ़र्श; फ़र्शबंद फरसाण न० तरावट लानेवाली खाद्य चीज; चाट फरसी स्त्री० देखिये फरशो ' फरंतु वि० हरहा (पशु) ; आवारा (२) घाघ; चतुर; जो किसीसे न छला जाय फराक न० फ़ाक (वस्त्र) फरास पुं० फ़र्राश; फरास; झाड़ू देनेवाला [ खुराक फराळ न० फलाहार; उपवासकी खास फरियाद स्त्री० अर्जी (२) अन्याय, जुल्मकी शिकायत ; फ़रियाद (३) नालिश; दावा; फ़रियाद फरियादी पुं० फ़रियादी ; वादी ( २ ) स्त्री० फ़रियाद; ज़ुल्मकी शिकायत फरी, फरीथी, फरीने अ० फिर; दोबारा; फिरसे; पुनः 1 फरीपार्छु अ० और दोबारा; और फिर फरीफरीने अ० बार - बार ; फिर-फिर फरेल (-लं) वि० पलटा हुआ (२) अनुभवी (३) अविचारी ; मिज़ाजी फल न० देखिये फळ फलंग स्त्री० फलाँग; चौकड़ी फलानुं वि० फ़लों; अमुक; फलाना फस स्त्री० नस;रग [ आवाज; फट फस स्त्री० फटने, दरकने, मसकनेकी फसकवं अ० क्रि० छटकना; हिम्मत पस्त होना; फिसलना (२) टूट, पड़ना; ऊपरसे नीचे गिरना ( ३ ) दरकना; मसकना; फसकना फडा - अ० क्रि० धँसना; नीचेकी ओर बैठ जाना; टूट पड़ना; फसकना For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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