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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पेशाब पेशाव पुं० पेशाब; मूत्र-पई जबो= पर जाना. पेशाबलान न० पेशाबखाना पेशी स्त्री० पेशी; मांसपिड (२)फलके गुदेका पिंड; फांक (खजूर, कटहल आदिकी) पेशवाई वि० देखिये 'पेशवाई' पेसनीकळ (पं) स्त्री० पैठना-निकलना; आना-जाना (२) कारभार [ला.] पेसवं () अ० क्रि० पैठना; घुसना पेसार(-रो) (पं)पुं० प्रवेश; पैठ (२) परिचय ; गाढ़ा संबंध पेंगई(०) न० रकाब पेंठ (०) स्त्री० पेंठ; पैठ (लापता हुंडीके स्थान पर) पंटो (०) पं० पिंडा; (मिटीका)लोंदा (२) पेड़ा (मिठाई) [प्रपंच पतरो (पॅ०) पुं० पैतरा (२) चाल; पंधवं (०) अ० क्रि० देखिये 'पेधदूं' (०) वि० (२) न० देखिये 'पेधुं' पैकी अ० -मेंका; -मेंसे पैट स्त्री० किसी बातका पीछा या अंत; पंचायत; माथापच्ची पैटुं न० पहिया; चक्र पैतुं न० पतला चपटा टुकड़ा; क़तला पैसादार वि० पैसेवाला; धनी पैसो पुं० पैसा; आनेका चौथा भाग (२) ला.] पैसा; धन; ज़र।[पैसा उडाववा=धन उड़ाना; पैसा बरबाद कर'ना; रुपया पानीमें फेंकना । पैसा खावा =घूस लेना (२) विश्वासघात करके पैसा हजम करना; गबन; जमा मारना। पैसा खोटा थवा कर्ज दी हुई रकम न मिलना; उधार दी हुई रकम न पटना । पैसा खोवा व्यापारमें टोटा पोष आना (२) पैसा नष्ट करना; पैसा उड़ा देना। पैसा घालवाकर्ज दी हुई रकम अदा न होना । पैसा वापवा -घूस देना; पूजना। पैसा पाणीमा जवा= रुपया ठीकरी करना; व्यर्थ खर्च होना । पैसा मारवा = रुपया खा जाना, हड़पना; जमा मारना । पैसा वेडफवा पैसा ठीकरी करना; रुपया पानीमें फेंकना। पैसा वेरवा=बहुत आदमियोंको घूस देना; पूजना । पेसान = टकेका; तुच्छ । सानुं पाणी करवं =पैसा ठीकरी करना. पैसोटको पुं० धन-दौलत; जमा-जथा पो(पॉ) स्त्री०; न० पासेके दावमें एक का दावे; पौ (२) पहला खाना (चौसर) पोपॉ) पं०:स्त्री० पौ: तडका: भोर पोई स्त्री० एक लता; पोई पोईस अ० 'मार्गमेंसे हट जाओ' यह उद्गार; पोश पोक स्त्री० चिल्लाकर रोना; चीख । -मूकवी = किसीका नाम लेकर जोरसे रोना (२) कुछ मिलेगा नहीं यह समझकर छोड़ देना.] [बनावटी पोकळ वि० पोला; खोखला (२)झूठा; पोकार पुं० पुकार; चीख (२) फ़रियाद। -उठाववो फ़रियाद करना; आवाज़ उठाना. [बुलाना पोकार, स० क्रि० पुकारना; जोरसे पोकेपोके अ० आठ-आठ आँसू; चोख मार-मार कर (रोना) पोखराज पुं० पुखराज (रत्न) पोगळ न० बाह्य आडंबर; दिखावा: क़लई; पोल पोच स्त्री० (धान्यका) वह छिलका जिसमें बीज-सार न हो; पैया For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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