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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पिरसाव ३०७ पिरसाव, स० क्रि० पीरसवू'का पीगळवं अ० कि० पिघलना; तरल, प्रेरणार्थक; परसाना (भोज्य वस्तु) द्रवीभूत होना(२)पसीजना; पिघलना पिरामिड पुं० पिरामिड (२) शंकु पीछी स्त्री० तूलिका; कूची; ब्रश आकार (चीज़) पीछु न० पर; पंख (२)उसकी लेखनी पिलाई स्त्री० पेरना; दबाव पहुँचाकर पीछेहठ स्त्री० पीछे हटना; हारना; हार रस निचोड़ना (२) पेरनेकी उजत पीछो पुं० पीछा।[-पकरवो, लेवो= पिलामण न०, (-णी)स्त्री० पेरनेकी पीछा करना (२) खुचड़ निकालते उज्जत (२) त्रास; यातना [ला.] रहना; पीछे पड़ना (३) सताना.] पिलावू अ० क्रि० 'पीलवू' का कर्मणि पीटवं स० क्रि० पीटना; खूब मारना पेरा जाना (२) [ला.] त्रास दिया (२) रोना-धोना; मृत व्यक्तिके शोकमें जाना (३) ओटा जाना छाती पीटना (३) ढोल आदि पर पिल्लं न०, (-स्लो) पुं० लपेटकर डंडा पीटना; बजाना बनाया हुआ गोला; लुंडा; पिंडा पीटयु वि० मुआ; निगोड़ा (गाली) पिवडाव सक्रि० पिलाना जाना पीठ न० स्थान; पीठ; उदा० 'विद्यापिवावं अ० क्रि० पीवु'का कर्मणि ; पिया 'पीठ' (२) स्त्री० बाजार; पेंठ (३) पिसावं अ०क्रि० 'पीस' का कर्मणि; पिसना; पीसा जाना [४५ बाजार-भाव ।[-ऊघडवी = बाजारपिस्ताळीस वि० पैंतालीस; पैतालिस; भाव निकलना, खुलना । -टकी रहेवी = बाजार-भाव स्थिर रहना.] पिस्तुं न० पिस्ता (मेवा) पिस्तोल स्त्री० छोटी बंदूक ; पिस्तौल पीठ स्त्री० पीठ; पृष्ठ। [-आववी%D पीठ लगना; छिलना। -ठोकवी, पिंगल (-ळ) वि. पिंग रंगका; गहरे भूरे रंगका; पिंगल (२) न० छंद: थाबडवी%Dपीठ ठोंकना। -देखावी शास्त्र; पिंगल (३) [ला.] अत्यंत = पीठ दिखाना; भाग खड़ा होना। विस्तार; लंबा-चौड़ा विस्तार -फेरववीत्याग करना; छोड़ देना; पीठ देना.] पिंजर न० पिंजरा पिंड पुं० पिंड ; गोला(२)पिंड (श्राद्धमें) पीठबळ न० पीठ पीछे रहकर सहारा पिंडलं न० देखिये 'पिडु' देनेवाली शक्ति; पीठ पर होना .. पिंडलो पुं० देखिये "पिंडों पीठी स्त्री० चिक्कस; वर-कन्याको पिरी स्त्री० पिंडली; पिंडी (टॉगकी) लगानेका हलदी, जीका आटा और पिडं न० लपेटकर किया हुआ गोला; तेल मिला उबटन पिंडा .. पीठं न० बाजार या दुकान (लकड़ी, मिंडो पुं० पिंडा; पिंड; लुंडा; गोल शराब-ताड़ी आदिकी); शराबखाना; (मिट्टी, आटे, डोरे आदिका) कलवरिया (२)टाल;अहार (लकड़ी) पीक स्त्री० देखिये 'पिक' ।। . पीड स्त्री० पीड़ा; कष्ट (२) प्रसवपीखवं स० क्रि० बदगोई करना वेदना (३) मरोड़ .. For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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