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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org पान पान न० पीना; पान पान न० पत्ता पत्र ( २ ) पृष्ठ (पुस्तकका); पन्ना (३) नागरबेलका पत्ता ; पान पानसर स्त्री० पतझड़ पानडी स्त्री० छोटा और कोमल पत्ता; पल्लव (२) स्त्रियोंका कानका एक गहना; पत्ता [ पानदान;पनडिब्बा पानवान ( - नियं) न०, पानवानी स्त्री ० पानपटी (डी), पानवीडी स्त्री०, पान बीडुं न० पानका बीड़ा; तांबूल पानसोपारी स्त्री०; न० पान और सुपारीका मुखवासन (२) [ला.] तुच्छ भेंट, पानफूल (३) किसीके मानमें किया जानेवाला समारंभ पानियुं न० पन्ना ; पृष्ठ ( २ ) नसीबका पन्ना ; भाग्य [ला. ] [ नीचेका भाग पानी (नी ' ) स्त्री० तलवेका एड़ीके पानुं न०पत्ता, पर्ण (२) पृष्ठ ; पन्ना (३) ( ताशका) पत्ता ( ४ ) औजारका धारवाला भाग; फल ( ५ ) ( रत्न) पन्ना (६) [ला. ] जीवनभरका संबंध; पाला । [पड - साबिक़ा होना; जीवनमें साथ रहनेका मौक़ा आना; पाला पड़ना. ] पानेतर न० वह सफ़ेद वस्त्र जो ब्याहके समय कन्याको पहनाया जाता है। पानो (नो') पुं० वात्सल्यसे माँकी छातीमें दूध उमड़ आना ( २ ) पेन्हाना (३) जीवट ; शूरवीरता; जोश; धैर्य [ला. ] । [ -चडवो = छातीमें दूध भर आना, उमड़ आना (२) दुलार होना; दूध पिलानेकी इच्छा होना ( ३ ) जोश में बाना.] पाप न० अधार्मिक कृत्य; पाप ( २ ) [ला. ] कपट ( ३ ) नापसन्द व्यक्ति; ३०२ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पायानी केळवणी बला [ला. ] । [ - उधाएं पडकुंबुरे कामका भेद खुल जाना।-गयुं,टळचुं= बला टली; बाधा दूर हुई; पाप कटा । -फूटी नोकळं = = पाप उदय होना; पापका फल मिलना. ] पापड पुं० पापड़ [ खार पापडखार, पापडियो खार पुं० पापड़ापापडी स्त्री० पापड़ जैसी एक खाद्य चीज़ (चावलके आटेकी) पापडी स्त्री० सेम; शिबी पापियुं वि० पापी; पातकी पाम स०क्रि० प्राप्त करना; पाना ( २ ) ताड़ जाना; भाँपना; समझ जाना; पाना पाय पुं० पाँव । [ पाये पडबुं, लागबुं = मत्था टेकना; नमस्कार करना ( २ ) माफ़ी माँगना; पाँव पड़ना. ] पायखानुं न० पाखाना; पायखाना; शौचालय पायजामो पुं० पायजामा; पाजामा पायतख्त न० पायतख्त; राजधानी पायदस्त स्त्री० ( पारसीकी) मरणयात्रा पायवळ न० पैदल लश्कर ; पैदल पायमाल वि० पायमाल; पामाल; चौपट पायमाली स्त्री० पामाली; बरबादी पायरी स्त्री० सीढ़ीका पाया; सोपान; सीढ़ी (२) पद; दरजा (३) एक प्रकारका आम पायलागणुं न० पालागन पायली स्त्री० अनाज नापनेका बरतन; पायली (२) चवन्नी ; पावली पायादार वि० पायदार; बुनियादी पायानी केळवणी स्त्री० मुनियाकी तालीम; नई तालीम For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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