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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org पाकट पैदावार ( ४ ) खाद्य पदार्थ; पाक (५) पाक (फोड़ेका) (६) रसोई; पकाना ; पाक पाकट वि० पाकठ; पका हुआ; पक्का (२) पुख्ता ; पाकठ; अनुभवी पाकवं अ० क्रि० पकना; परिणत अवस्थाको प्राप्त होना; सीझना (अनाज, फल आदि ) (२) फ़सल पैदा होना; उपजना; उदा० 'बाजरी आ वर्षे बहु पाकी' (३) (शरीरमें ) मवाद भर आनेकी अवस्थाको पहुँचना; पकना (४) ( बालका) सफ़ेद होना; पकना (५) [ला. ] सिद्ध होना; निकलना; साबित होना; उदा० 'छोकरो सारो पाक्यो' (६) (शरीर, अवयव ) चूर हो गया हो इस तरह पीड़ा होना; उदा० 'बाकथी शरीर पाकी गयुं छे' (७) नियत समय आना; वक्त पूर्ण होना (हुंडी) (८) (गोटीका) सब खानोंको पारकर अपने खानेमें पहुँचना; पकना ( ९ ) प्राप्ति होना; खटना; -के हाथ आना; उदा० ' आजनो दहाडो पाक्यो; तेमां तारं शुं पाक्युं ?' पाकाई स्त्री० देखिये ' पक्काई ' पाकी स्त्री० काम-काज बंद करना; हड़ताल पाकुं वि० पक्का; जो कच्चा न हो; पका हुआ ( २ ) पुख्ता; पाकठ; अनुभवी ( ३ ) पक्का ( भोजन, सीघा) (४) जो छूनेसे जूठा न हो; धीमें पकाया हुआ (५.) जो छला न जाय; अनुभवी; घाघ [ला.] (६) होशियार; उदा० 'छोकरो गणितमां पाको छे' (७) दृढ़; अचल; पक्का (८) जिसमें कमी न हो; परिपूर्ण २९८ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir प ( ९ ) जिसमें सुरखी-चूना आदिका उपयोग हुआ हो ( मकान ) ; ( क़रार या लेख ) जो क़ानूनके विरुद्ध न हो; पक्का । [ -पान = जराजीर्ण-वृद्ध मनुष्य । —लखाण = क़ानूनके अनुसार आखिरी लेख - क़रार । पाके पावे निश्चयपूर्वक ; निस्संदेह .] पाग ( -घ) डी स्त्री० पगड़ी ( २ ) [ला. ] अच्छे कामके बदलेमें दिया जानेवाला उपहार; सिरोपाव ( ३ ) वह रक़म जो मकान किराये पर लेने पर पेशगी और नाजायज तौर पर दी जाती है; पगड़ी (४) रिश्वत । [ - उतारवी = ( किसीके ) पैरों पर पगड़ी रखना; दयाकी भीख मांगना । - ऊंषी घालवी = दिवाला निकालना | - फेरववी = मुकर जाना; झूठ बोलना ( २ ) दिवाला निकालना (३) पक्ष बदलना । -बंधाववी = इनाम या सिरोपाव देना ( २ ) सराहना; शाबाशी देना ( ३ ) शोक छुड़ाना.] पाडीपन पुं० पगड़ीके जैसा विस्तार ( बहुत लंबा, कम चौड़ा) पाच न० मवाद; पीब; पीप पालुं वि० पिछला ; बादका ( २ ) पहलेका । [ पाछली अवस्था = वृद्धावस्था; बुढ़ापा । पाछली रात = रातका पिछला प्रहर; भीगी रात । पाछले बारणेयी = चोरी-चोरी; छिपे छिपे . ] पाडळ अ० पीछे; पीठकी ओर । [ -पड = पिछड़ जाना (२) किसी काममें तंदेहीसे लगा रहना; जुटना (३) पीछा पकड़ना; पीछे लगना । -पडी जर्बु = बराबरीमें न रह पाना; पिछड़ना; स्थिति या दरजेमें पीछे रह For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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