SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 260
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २५० वहीं न० वही वाइयण, वाइयानी, राई स्त्री. प्रसव वहींगई न० दहीबड़ा करानेवाली स्त्री; दाई (२) धाय; बहेज स्त्री० न० देखिये 'देज' उपमाता वहेशत स्त्री० दहशत; डर वाक्तर पुं० डाक्टर बळ न० पत्ता; दल (२) फूलकी पैखड़ी; वाक्सरी वि० डाक्टरका; डाक्टरदल (३)सेना; दल (४) घनता; मोटा संबंधी (२) स्त्री० डाक्टरी पन (५) एक मिठाई दाखल वि० अंदर गया हुआ-घुसा बळj न० पीसनेकी चीज; पीसना हुआ; दाखिल (२)अ० बदले; -के बळदर न० दरिद्रता; गरीबी (२)आलस्य लिए; के रूपमें; -के तौर पर बळदरी वि० दरिद्री; काहिल ; सुस्त दाखलो पुं० उदाहरण; दृष्टान्त; बळवार पुं० दलदार (२) भारी मिसाल (२) अनुभव ; सबक ; सीख बळी वि० देखिये 'दळदरी' (३) प्रमाण ; सबूत (४) हिसाव; बळ स० क्रि० पीसना। [वळी बळीने गणितका प्रश्न [ग.। [दाखला तरीके कुलसीमा वाळवं = भारी परिश्रम = उदाहरणार्थ; मसलन् । -बेसवो= करने पर भी कुछ फल न पैदा करना; हिसाबका जवाब मिलना (२) सबक कम अक्लके कारण श्रम व्यर्थ नष्ट ले ऐसा होना; -को सबक़ मिलना.] करना. [उषत; पिसाई दाखव, दाखवं स० कि० दिखाना; बळाई स्त्री०, दळामण न० पीसनेकी बताना; ध्यान पर लाना; कहना; रंगो पुं० दंगा; बखेड़ा; हुल्लड़(२) दरियाफ्त करना(२)अ०क्रि० असर बलवा; दंगा। -उठाववो विप्लव दिखाना; गुणधर्म बताना (३)दुःखना; करना। -मचावबो = दंगा-फसाद पीड़ा होना करना.] [फ़साद; हल्ला; उत्पात वागीनो पुं० गहना (२) अदद; नग रंगोफिसाद पुं० लड़ाई-झगड़ा; टंटा- वाघ पुं०जलना; दहन ।[-देवो =अग्निबंड पुं० डंडा; दंड (२) पतला छोटा संस्कार करना; मृतक-दाह करना.] डंडा; छड़ी (३) सज़ा (४) डाँड; वाम(झ)स्त्री० प्रीति, अनुकंपा, रहम (२) जुरमाना (५) एक प्रकारकी कसरत; चिढ़; गुस्सा (३) द्वेष ; कीना; डाह । इंड (६)चार हाथ जितनी एक नाप । [-आववी = चिढ़ना; खीजना। [-पीलवा = डंड पेलना.] -ओलदवी = बैरका बदला लेकर बंधू स० क्रि० सजा करना (२) दंड अपना क्रोध शान्त करना। -परवी देना; डाँड़ना = गुस्सा होना; भीतर ही भीतर रंसी(--)को पुं० डंडा; लट्ठ [डंडा जलना। दाझे बळ = खारवृत्ति या संगे पुं० डंडा; लगुड़(२)(गुल्ली मारनेका) गुस्सेसे झुंझलाना, कुढ़ना.] बंताळ न० पांचा (किसानका औजार) बामj न० जमीनका इतना तपना कि (२) (हल, पांचा आदिका) दाँता [फुकना बंताळी स्त्री० पांचा (खेतीका औजार) बाम अ० क्रि० दग्ध होना; जलना; For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy