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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २१० टॉप प्रकृतिका। [टाढा पहोरनी = गप; टांका मारना; सिलाई करना (३) लंबी-चौड़ी (हाँकना)। टाढा पहोरन सिलाई द्वारा जोड़ना (४) किसी फुरसतके समयका; गप जैसा ।-पाणी रचनामेंसे नक़ल करना; उद्धृत करना रे = हतोत्साह करना; पस्तहिम्मत ___टांकी (०) स्त्री०पानी रखनेका हौज या करना,] [(२)घात; मौक़ा टंकी (२) छोटी टंकी (बारिशके पानीके दाj न० शुभाशुभ प्रसंग-अवसर (२) लिए) (३) टाँकने या खोदनेकी टापटीप स्त्री० व्यवस्था; सुघड़ता; क्रिया (४) फ़ायदा; असर; गुण सफाई (२) मरम्मत; दुरुस्ती (३) _ (दवाका)ला.] (५) उपदंश (रोग)। टीम-टाम; सज-धज [हाँ करना [-लागवी = (दवाका) असर होना.] डापशी-सी) स्त्री० बातचीतमें हाँ में टांकु (०) न० बारिशका पानी भरनेके टापु पुं० टापू; बेट; द्वीप लिए जमीनके अंदर बनायी हुई टंकी; ढाबोटो पुं० हथेलियोंके परस्पर आधा- टाँका तसे उत्पन्न शब्द ; करतल-ध्वनि ताली टांको (०)पुं० बखिया; सीवनका टाँका टाल स्त्री बाल झड़ गये हों ऐसा टांग (०) स्त्री० टाँग; पैर [-मारवी सिरका भाग; मंज. = कुश्तीमें टाँग अड़ाकर गिरा देना.] यूलकी स्त्री० देखिये 'तालकी' टांगवं (०) स० क्रि० टाँगना...... टालकुं न० देखिये 'तालकुं' . टांगो (०) पुं० टाँग; पैर (२) टांगा; दावर न० टावर; घंटाघर ... तांगा; घोडागाड़ी। [टांगा तोरवा टाळवं स० क्रि०. टालना; दूर करना; = व्यर्थ पाँव तोड़ना] रोकना (२) किसी चीज़मेंसे अच्छा टांच (०) स्त्री० जब्ती (२) कलमकी निकालकर खराब छोड़ देना; छाँटना नोककी तिरछी काट (३) चोट; टाळो पुं० टरकाना; टाल-टूल (२) झटका (४) घट ; टोटा; तंगी।[-पडवी जुदाई रखना (३) भेद; चमत्कार; = घट होना; टोटा होना.] खेल (४) संजोग; मौक़ा (५) टांचण (०)न०संक्षिप्त नोंध; नोट ; टीप हिसाबके सही-गलत जाँचनेकी क्रिया; काँटा।[-मळवो मौका मिलना टांचं (०) वि० कम; थोड़ा; छोटा (२) हिसाब खरा होना (काँटा).] (२) उटंग (कपड़ा); तंग .. टांक (०) स्त्री० तराशी हुई कलमकी टांटियो (०) पुं० टाँग (तुच्छकारमें)। नोक; टाँक; जीभ (२) होल्डर या [टांटिया कापवा = जड़ काटना; पेनकी निब; जीभी आधार उड़ा देना। टाटिया नरम थई टांकणी (०) स्त्री० आलपीन; पीन जवा=थक जाना; पैर भर जाना टांकj (०) न० दाँकनेका औज़ार; (२) निरुत्साह होना (३) धन टॉकी (२) मौक़ा (३) शुभ अवसर गँवाना; नुकसान सहना.] टांक (०)सक्रि० पत्थर टाँकना; टांपy (०) स० क्रि० ताकना; मौका खनना; कुरेदना; सिल कूटना (२) देखते रहना; आतुरतासे देखना For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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