SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 213
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २०३ माटकणी (३) एक बारीक कपड़ा (४) स्त्री० मळम (-ह)ळ अ० देखिये 'झळझळ' बारिशकी फुहार; बूंदाबांदी (५)अ० (२) वि० चमकता हुआ; झलाबोर रिमझिम सळहळवं अ०कि० बहुत प्रकारा देना; सर अ० क्रि० (द्रवका) धीरे धीरे झलझलाना; चमचमाना बाहर निकलना; झरना [अटारी मळांमळां (0) अ० झलाझल; चमकके सहखो पुं० झरोखा; छज्जा; बारजा; साथ (२)न० ब०५० तेजका अंबार; झरेणी स्त्री० झुनझुनी तेजःपुंज मरेळो पुं० जलनेसे होनेवाला फफोला; सळेळो पुं० देखिये 'झरेळो' . छाला; झलका संखना स्त्री० आतुरतापूर्वक या बेसब्रीसे भरो पुं० देखिये 'झरण' रटना; किसीको बार-बार याद करना झलक स्त्री० झलक; ओप; चमक (२) चिता; बेचैनी; छटपटी मलकवू अ० क्रि० चमकना; झलकना शंखवाj वि. खिसियाना; झेंपू (२)अपनी असली प्रकृति दिखाना[ला.] संखवा, अ.क्रि. धुंधला, मंद, हलका मलाएं अ० क्रि० पकड़ा जाना (२) पड़ना (२) झेंपना; खिसियाना अकड़ जाना; काठ होना; किसी शंख स० कि० आतुरतापूर्वक रटन अंगका जकड़ा जाना; उदा० 'वाथी __ करना; बार-बार किसीको याद करना सांधा झलाई गया छे' मंझट स्त्री०संझट; पचड़ा; झमेला प्रवेर न० जवाहिर; जौहर (२)पानी; झंड पुं० एक भूत; जिन (२)वि० अलजीवट [ला.] मस्त ; मुस्तंडा (३) धूर्त; मत्सरपूर्ण सवेरात न० जवाहिरात ; रत्न, मोती, मंडी स्त्री० झंडी हीरा वगैरह (२)जड़ाऊ जेवर (३) झंडो पुं० झंडा; निशान ; अलम (२) बल; खूबी ; सत्त्व ; जौहर [ला.] जुविश; आंदोलन [ला.] (३) कोई सवेरी पुं० जौहरी पक्ष या उसकी अगुआई । [-उठाववो, मळक स्त्री० झलक; चमक ; ओप फरकाववो=-का झंडा खड़ा करना मळकवं अ० क्रि० देखिये 'झलक' (२) की फ़तहका झंडा लहराना। मळकाट पुं० झलक ; चमक -लेवों अगुआ बनना.] झळको पुं० झलक; ओप; कांति झंपलाव, अ० क्रि० जीवटसे किसी मळमळ अ० झलझल; तेजसे झलकते काममें कूद पड़ना; साहस करना हुए; झलाझल [अ० झलझल झाकसमाळ वि० झकाझक ; झलाबोर; मळमळाट पुं० झलझलाहट ; चमक (२) जाज्वल्यमान मळमळियं न० आँसू (२) सबेरे या साकळ स्त्री०; न० ओस; शबनम शामका धुंधला प्रकाश; झुटपुटेका झाडं वि० ज्यादा; पुष्कल; अतिशय प्रकाश । [मळमळियां आवां = आँखें झाटकणी स्त्री० सूप आदिसे साफ़ डबडबाना; भाववश होकर गद्गद करना; फटकना (२)फटकनेकी उज्जत होना.] (३) फटकार; झिड़की; लताडाला.] For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy