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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अपनाव स० क्रि० अपनाना; अपना बना लेना या मानना [(३) सौतेला अपर वि० दूसरा; भिन्न (२) पीछेका अपर मा, अपर माता स्त्री सौतेली मां अपरंपार वि० अपार ६२ पाप अपराध पुं० अपराध ; दोष ; गुनाह जुर्म अपलक्षण न० अपलक्षण (२) दुराचरण अपवाद; पुं० अपवाद (२) निंदा; लांछन; ऐब । [-बेसबो, लागयो = ऐब लगना. . अपवास पुं० उपवास; फ़ाक़ा । अपशुकन पुं० अपशकुन; असमुन . अपशुकनियाळ, अपकनियुं वि० बद शगुन ; मनहूस; अशुभ ...... अपंग वि० अपंग; पंगु; अंगहीन (२) • लाचार [ला.] रहनेका स्थान मपासरो वि० उपाश्रय; जैन साधुओंके अपील स्त्री० अपील; साग्रह प्रार्थना (२) निचली अदालतके फैसले पर पुनर्विचार करनेके लिए दरख्वास्त (३) चंदेके लिए प्रार्थना । [-करवं = दिल पर असर हो इस प्रकार विनती करना । -g%3D दिल पर असर करना; जॅचना। -मां जq = अपील अदालतमें अपील करना.) अपील कोर्ट स्त्री० अपील अदालत मपूरतुं वि० अपर्याप्त; जो काफ़ी न हो अपूर्णाक पुं० पूर्ण संख्यासे.कम संख्या; भिन्न [ग.] मपूशण, अपोशण न० भोजनके प्रारंभ तथा अंतमें किया जाता आचमन (२) भोजनके प्रारंभ में थोड़ा भात परोसा जाता है वह मप्रिय वि० अप्रिय (२) न० अनिष्ट पकवान वि० (२)पुं० अफ़ग़ान काबुली अबोला अफर वि० निश्चित; अटल अफरा, अ० क्रि० अफरना अफलातून पुं० अफलातून ; प्लेटो (२) वि० सुंदर अफवा स्त्री० अफ़वा; अफ़वाह; गप अफळावू अ० क्रि० टकराना; भिडना अफाट वि० (२) अ० बहुत विशाल; अस्खलित [(चीज़) अफाळवं स० क्रि० टकराना; पटकना अफीण न० अफ़ीम; अफ़यून अफीणियं, अफीणी वि० अफ़ीमी; - अफ़ीमची (२) सुस्त; आलसी.... अबघडी अ० अभी; इसी क्षण; फौरन अबज वि० (२) पुं० अब्ज; अरब अबतर वि० खराब; बिगड़ा हुआ अवधूत पुं० अवधूत (२) वि० मस्त अबनूस न० आबनूस अबरक, अबरख न० अबरक अबला, अबळा वि. स्त्री० अल्प बलवाली (२) स्त्री० अबला; स्त्री अबळसा स्त्री०, अबळखो पुं० इच्छा; अरमान ; चाव (२)गभिणीकी इच्छा; दोहद; बिराय अबाब पुं० लग्न आदि अवसर पर लेन देनकी तय हुई बात (२) नेग-दस्तूर अबी अ० अभी; इसी क्षण .... अबीर, अबील न० अबीर . मबुष वि० अबोध; नासमझ (२) मूर्ख (३) अल्हड़ अबूज वि० नाकदर अबूम वि० देखिये 'अबुध' अबे अ० अबे; अरे (तिरस्कारसूचक) अबेतबे करवू = अबेतबे करना ... अबोला पुं० ब० व० वरको खिलाये जानेवाले खाजे (२) अरुचि, अनिच्छा। For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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