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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बडो पु० अड्डा (२)व्यापक असर [ला. अंग वि. रुका हुआ . अगसम्पुं वि० अटका या रुका हुआ मढळक वि० ज्यादह; ढेर; 'पुष्कळ अहार वि० अठारह; १८ अढी वि० ढाई; २॥ अठीहन्यं वि० बौना (२) लुच्चा; बदमाश [ला.] [उठंगना अडेलधुं सक्रि० सहारा लेना; टेकना; म नकार और निषेधसूचक उपसर्गअन; उदा. 'अनबन' (२) पुं० का स्त्री०बनानेवाला प्रत्यय (३) क्रिया परसे संज्ञा बनानेवाला प्रत्यय अणमाड(त) स्त्री किसी चीजके न आनेका भाव; अज्ञान; अकौशल मणकी स्त्री० खेलमें उलटा-सीधा बोलमा; रोंगटी ... अणकू(-को)ट पुं० अन्नकूट अणसूट(-2) वि. अखट ..... अमलेग्युं वि० बिना जोता हुआ अणगमतुं वि० नापसंद; अप्रिय अनगमो पुं० नापसंदगी (२) अरुचि अणघड वि० अनगढ़; अपढ़; अशिक्षित अणचियं वि० बेईमानी करनेवाला; खेलमें रोंगटी खानेवाला अचित्तव्युं, अचितुं(-) वि० अन चीता (२) आकस्मिक; यकायक अणची स्त्री० देखिये 'अणकी' अणछतुं वि० गुप्त; छिपा हुआ अजाण वि० अनजान(२)स्त्री० अज्ञान अणवीठ (-5) वि० अनदेखा; अदृष्ट अगवायं वि० यकायक; अचानक; बिना सोचा हुआ; अचीता झुका हुआ अणनम वि० अडिग; जो न झुके; न अणपतीज स्त्री. अविश्वास अस्वार अणबनाव पुं० अनबन; बिगाड़; खटपट . अनमानीतं वि० अप्रिय .. अणवर पुं० शहबाला; विंदायक; दुलहा या दुलहिनका साथी . [अल्हड़पन अणसमज (०ण) स्त्री० बेसमझ; अणसमजणु, अणसमजु वि० बेसमझ; नादान; अनाड़ी . अणसार पुं० समानताका या सादृश्यका अंश (२) सूक्ष्म असर भनक; आहट अणसार(-रो) पुं० इशारा; संकेत (२) अणि स्त्री० अनी; नोक (२) चोटी; शिखर (३) अंत; सिरा (४) संकटकी स्थिति; अड़ी अणिवार वि० नोकदार; नुकीला अणियाळू वि० नोकदार; नुकीला अणियुं न० लेखनीकी नोक; टॉक अणिशुद्ध वि० समूचा अखंडित (२) संपूर्ण दोषरहित अणी स्त्री०, अणीदार वि०, अणीशुद्ध वि० देखिये 'अणि' आदिमें। अणुमात्र वि० बिलकुल थोड़ा; लेशमात्र अजू(-णो)जो पुं० कारीगरोंकी छुट्टीका दिन; अंझा; छुट्टी मिजाजी अतई वि० मिलनसार नहीं ऐसा अतरडो पुं० बढ़ईका एक औजार; रेती अताग वि० अथाह अतूट वि. अट; अखंड अतोभष्ठ ततोभष्ट वि० न घरका न घाटका; कहींका न रहनेवाला अत्तर न० इत्र; अतर मतारघरी अ०. अब ही अतरवानी स्त्री० अतरदान; इत्रदान अत्तरपगले अ० देखिये 'अत्तरपती' मत्यार स्त्री० चालू समय; वर्तमानकाल मत्यारे अ० अभी; फ़िल्-हाल; हाल ही For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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