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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ........... ... . . . होना; चरवीं चढ़ना। चश्मा परी जवां गुस्सा होना; तेवर बदलना (२) सही वस्तु न दिखाई दे ऐसा होना.] चश्मेषव वि बिना ऐनकके बिलकुल देख न सके ऐसी आँखोंवालाचसक स्त्री० रंग या संधिस्थलके स्नायुके यकायक होनेवाले तनावसे उठनेवाली पीड़ा; हुक; चमक चसक अ० कि० छटंकना; खिसकना (२) दिमागे ठिकाने में रहना :: चसको पुं० चमक; हुक (२) तलब; चाव (३) लेत; चसका (४) माजनखरा; चाव-चोचली। [-आवो, नांखवो, मारवो = टीस' या चिलक उठना; शूल उठना। -लागवो लत या आदत पड़ जाना; चसका लगना) चसासाट अ० कसकर; मजबूतीसे (२) गट-गट (पीना) (३) पुं० चुस्त होना चसमपोशी स्त्री० चश्मपोशी चसमुं न० देखिये 'चश्मुं' चसअ० क्रि० खिसकना; हिलना बहेरी पु० चेहरा'। [-पडवों, पडीजवो = चेहरा उतरना; मुंह लटकना] चळ वि० चल; अस्थिर चळ (ळ,) स्त्री० खुजली; चुल (२) हड़बड़ाहट; चटपटी [ला. [-आवो, पवी = छटपटी होना (२) खुजली उठना; चुलचुलाना] FAF चळक स्त्री० झलक; चमक (२) चमक दार टिकली; सितारा चळक, अ० क्रि० चलकना; चमकनी चळकाट पुं० चिलक, चमक, प्रकाश बळको स्वाम चिलक (२) चमकनेवाला पचाजका छिड़का, उदा कपडा पर चळकी छटावी = THETK चळवळ स्त्री० चटपटी; उतावली (२) हलचल; आंदोलन : चळवळियं वि० हलचल मचानेवाला चळवं अ० क्रि० डिगना; हटना; खिसकना (२)पतित होना; च्युत होना पळाई स्त्री० छाननेकी मजदूरी चळामण न० छाननेकी उषत (२) छाननेके बाद चलनीमें बचनेवाला भूसा, चोकर आदि; बूर; चलनौस चळाव_ सक्रि० 'चळवू', 'चाळ,' का प्रेरणार्थक घळावं अ० क्रि० 'चाळवू'का कर्मणि (२) 'चळवू' का भावे चळं न० चुल्लू; आधी अंजली; अचवना (खानेके बाद हाथ-मुंह धोते समय) चंगी (मंगी) वि० भाँग-गाँजेमें पूर रहनेवाला; भंगड़, मंगेडी-गजेडी (२) व्यभिचारी चंगु वि० चंगी; तंदुरुस्त :.. चंचवाळवू सक्रि० (चोंचमें समाये इतना) थोड़ा थोड़ा मुंहमें लेकर स्वाद लेना; चुभलाना (२) जल्द खत्म न करना [ला.] (३) सहलाये जाना हाथ फेरना चंचळ वि० चंचल; अस्थिर; डीवीडोल (२) 'चुलबुला (३) क्षणिक; फ़ानी (४) चालाक, होशियार । चंचु(-चू) पात, चंच (-) प्रवेश पु. चोंच डुबाना (२) अल्प परिचय; चर्चप्रवेश [ला.] बंगल(-) वि० चंडाल; चांडाल; निर्दय; घातक (२)पापी; नीच (ो पुं० एक जातका अंत्यज; चांगल (४)जल्लादा; हत्यारा (५) नीमकर्म करनेवाला व्यक्ति वांडाल का For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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