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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir A कूट वि० जो न समझा यान पढ़ा जाय; कूतरी स्त्री० कुत्ती; कुतिया ... गूढ़ (२)रहस्यमय ; पेचीदा (३)झूठा; कूत न० कुत्ता। [कूतरा जे भटकूट (४)पुं०; न० कपट ; धोखेबाजी; कता; आवारा (२) कटहा और ठगाई (५) पहाड़की चोटी; शिखर भौंकनेवाला । कूतराने मोते मर (६)ढेर (७)कूटप्रश्न (पहेली, रहस्य कुत्तेकी मौत मरना.] आदि) [बरतन; कबाड़ कूतरो पुं० कुत्ता - कूट स्त्री० माथापच्ची (२) टूटे-फूटे कूपली स्त्री० कुत्सा; बदगोई ; निंदा कटणखानुं न० वेश्यागृह; कसबीखाना कूथलो, कूयो पुं० गड़बड़झाला; घोटाला कटणी स्त्री० कुटनी; कुट्टनी (२) माथापच्ची (३) उबसन (४) कूटणुं न० सियापा; मातम; मृतकके कुत्सा; बदगोई पीछे पिट्टस (२) वसा प्रसंग .. कूदको पुं० कुदान; छलांग कूटवं सक्रि० मारना; पीटना (२) कूदवं अ०क्रि० कूदना (२) अपने बूतेसे कूटना (धान, औषध आदि)(३) मृतक अधिक खर्च या ठाठ करना [ला.] । व्यक्तिके पीछे छाती कूटना [कूबी पर = कूद पड़ना; साहस कूटाकूट स्त्री० बार बार ठोंकना;पिटाई; करना। कूबी रहे= फ़जूल (खर्च ठोंक (२) खूब रोना-पीटना; पिट्टस करनेके लिए) तत्पर रहना (२) कूटियुं न० मार; मरम्मत (२) बाज- आतुर, लैस होना.] रेको कूटकर बनाई हुई खाद्य वस्तु। कूवंकूवा, कूदाकूद स्त्री० उद्दल-कूद; [-करवं, काढ= बहुत पीटना; खूब कुदक्का (२)चंचलता; अशान्ति [ला.J मरम्मत करना.] (३) हदसे ज्यादा खर्च करना कूटी स्त्री० गोटी; नर्द कूपी स्त्री० कुप्पी; कूपी । कूटो पुं० चूरा; चूर्ण (२) मार; कुटाई कूपो पुं० कुप्पा (२) कुप्पेके आकारकी कूर न० कपट ; ठगाई (२)नुकताचीनी बड़ी बोतल करकपट न० छल-कपट; धोखा-धड़ी कूगई वि० बदशकल; कुरूप कूडं वि० कपटी; कूट (२) कुटिल; कूबो पुं० घोंसला (२) घासकी गुंबद्धखोटा (३) न० अपराध; खता (खास __ दार कुटिया करके देवी या मातृकाकी) [-पडh= कबो पुं० पक्का फ़र्श ; गच (२) फर्श देव-देवियोंका अपराध होना; वैसा कूटने-पीटनेका मुंगरा; मोगरा; कोबा काम होना.]. फूलो पुं० कूल्हा; चूतड़; कूला... कूणप, कूणाश स्त्री० कोमलता . कवायंभ, कवो पुं० मस्तूल कूणु वि० कोमल; नाजुक कूवो पुं० कुंआ कुआँ। [कूवामा उतारवं, कूतकं न० कुतका; सोंटा नाखवू = खूब नुकसानमें ले जाना; कूतरानी टोपी स्त्री०, कूतरानो कान फंसाना । कूवे पर = आत्महत्या पं० कुकुरमुत्ता [चमरी, मंजरी करना; कुएंमें गिरना (२) साहस कुतरी स्त्री० कुत्ता घास (२) इसकी ___करना। -पूरबो, -हवागे करवो= . For Private and Personal Use Only
SR No.020360
Book TitleGujarati Hindi Kosh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGujarat Vidyapith
PublisherGujarat Vidyapith
Publication Year1992
Total Pages564
LanguageGujarati, Hindi
ClassificationDictionary
File Size13 MB
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