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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir عم ه م ع م و [ 14 ] सूत्र। पृष्ठे। सूत्र। नापरया द्वारा .. .. ५२५ । पत्नी चोदकमादाय .. ६०१ नापोभ्यवयत्यूद्धं .. .. ४५३ पत्नी वहिघि .. .. ६२८ नाप्रणतः .. .. ७१ पत्नयावतं .. .. नायज्ञीयां .. २२६ परिणदो- ... .. नायुगवा .. ५२४ परिणहनान्ते नादें परिदधीत ५३२ परिणीता .. ... नालङ्कारः .. ४४१ परिधीनप्येके .. नावतोब्राह्मणः परिसंवत्सरानहि .. नाश्रुतं .. .. .. ५३३ पर्युच्य स्थालीपाक... .. २४५ नित्यप्रयुक्तानान्तु पवित्रान्तहितां- .. .. नित्यप्रयोगः.. पशुकामावत्ममिथुनयाः .. निधाय जपत्यत्र .. ६६ पशुवस्त्ययन- .. ... ६८ निर्माते च .. .. पशूनाश्चेच्चिकीर्ष- ... .. निकालनप्रवेशने ... पशूनां त्वा .. .. .. निधिते सायमाश पश्चात्कर्पूणां .. .. .. नेत्रीवास्थो- .. .. पश्चात्पतिरवस्थाय दक्षिणस्य ३५६ नैकं परिदधीत पश्चात्पतिरवस्थाय दक्षिणेन ३५२ नैकः .. .. .. .. ५३५ | पश्चात्पतिरवस्थाय युग्मन्त- ३६५ नैनानुपनयेयुः .. • ४१२ पश्चादमे मो न्यञ्चा पाणी नोदयान- .. .. .. ५२७ __ प्रतिष्ठाप्य .. .. ५५६ नोपस्पृशेद .. पश्चादग्ने मौ न्यश्चौ पाणी नोपानही .. .. .. ५२७ प्रतिष्ठाप्येदं .. .. ६८२ नोष्णाभिः .. .. .. ७२ पश्चादनेस्लखलं दृहयित्वाव हन्त्युद्देचं .. .. .. ५५० पक्षान्ताउपवस्तव्याः ___ .. १८६ पश्चादमेरुलूखलं दृहयित्वापञ्चम्यादित्यमुपस्थाय .. ६८५ सकृत् .. .. .. ६९६ : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : : :। : : : : " و ع م 6 ع م و و و For Private and Personal Use Only
SR No.020355
Book TitleGobhil Gruhya Sutram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandrakant Tarkalankar
PublisherCalcutta Rajdhani
Publication Year1802
Total Pages606
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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