SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 669
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १५० ज्ञाताधर्मकथासू 1 होत्था । तपर्ण रायगिहस्स नयरस्स अदूरसामंते दाहिणपुरत्थि मे दिसीभाए सीहगुहा नामं चोरपल्ली होत्था, विसमगिरिकडगकोडं बसंनिविद्या, वंसी कलंकपागारपरिक्खित्ता छिपण सेलविसमप्पवाय फलिहोवगूढा एगदुवारा अणेगखंडी विदियजणणिग्गमपवसा अभितरपाणिया सुदुलभजलरंता सुबहुस्स विकुवियबलस्स आयगस्स दुप्पहंसा यावि होत्था । तत्थ सीहगुहाए चोरपलाए विजए णामं घोरणावई परिवसs अहम्मिए जाव अधम्मकेऊ समुट्ठिए बहुगरणिग्गयजसे सूरे दृढप्पहारी साहसिए सद्दवेही । से णं तत्थ सीहगुहाए चोरपल्लीए पंचण्हं चोरसयाणं आहेवच्च जाव विहरइ । तपर्ण से विजए तक्करे चोरसेणावई बहूणं चोराण य पारदारियाण य गंठिभेोयगाण य संधिच्छेयगाण यखत्तखणगाण य रायावगारीण य अणधारगाण य बालघायगाण य विसंभघायगाण य जूयकाराण य खंडरक्खाण य अन्नेसिं च बहूणं छिन्नभिन्नवहिराययाणं कुडेंगे यावि हत्था । तपणं से विजए तकरे चोरसेणावई रायगिहस्स दाहिणपुरत्थिमे जणवयं बहूहि गामघाएहि य नगरघाएहि य गोग्गहणेहि य बंदिग्गहणेहि य खत्तखणणेहि य पंथकुट्टणेहि य उवीलेमाणे २ विद्धं सेमाणे २ णित्थाणं णिद्वणं करेमाणे विहरइ । तएणं से चिलाए दासचेडे रायगिहे बहुहिं अत्थाभि संकीहि य चोजामि For Private and Personal Use Only
SR No.020354
Book TitleGnatadharmkathanga Sutram Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKanahaiyalalji Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1963
Total Pages872
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_gyatadharmkatha
File Size26 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy