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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir व्यवकलन । (३) यहां रय-४३=५ य, और -र-र -र इस लिये त्य-५र-(४ य+२र) =५य-र यह अन्तर है। अभ्यास के लिये और उदाहरण । (१) य में ५य को और १३ अय में-अय को घटा के शेष कहो। उत्तर, ४ य और १४ अय । (२) ६+ ११ क इस में अ+८क इस को घटा देने से शेष क्या रहेगा? उत्तर, ४ +३क। .(३) २ अ- य इस को ५ अ-04 इस में और - य+ १५र इस को १७ य+दर इस में घटा देओ। उत्तर, ३ +२ य और २६ य- र। . (8) < अय-८ कल इस में अय- ११ कल इस को घटा देओ। उत्तर, २ अय+३ कल' । (५) १५ अ +२ कर इस में १२ अ-३ कर इस को और -६यर -७यर दूस को -३ य+५यर इस में घटा देग्रो । उत्तर, ३ अ +५ करे और ३ य + १२ यर । . (E) ५ अयर + कर इस में अय२-३ कर +५ल इस को घटा देखो। उत्तर, -३ अयर + १२ कर-५ ल । (७) अय-कर+गल इस में ३ अय-५कर+५गल इस को घटा देओ। उत्तर, ४ अय-४कर+३गल । (८) ५ अ-३ य+५क-४ग इस में ३ग-४ अर+ घ-य इस को घटा देतो। - य+५क-७ग-८घ। For Private and Personal Use Only
SR No.020330
Book TitleBijganit Purvarddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBapudev Shastri
PublisherMedical Hall Press
Publication Year
Total Pages299
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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