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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir संकलन । (१९) ३१-२छ+ ज,५७-३-झ,-३ -५+, और ज-४ छ + ११ इन का योग क्या होता है? उत्तर -६+१ज । (२०) ६अ + + ४ अ'क', - २ अक+३ - ७ अक', ६'क'- अ +६ , - ७ अ + क - ५ अ और क+ अ - १५ अक दन को जोड़ा। उत्तर, ८ - १२ अ क + १३ अक-२२ अक' + १००। (२१) २य -- ४ यर+रयर, ६ र+५य'- ', ४ यर -२ यर' + e यर', - ३ ''+ यर-३र और ५ -३यर' +य दन का योग करो। उत्तर, १० +६ यर+२यर+५यर' - ० यर+६यर (२२) ६अ + ११ अक- १० अक - १६ अग, -६ अक-११ -१० +१८ अकग, ६ अग+ ११ अकग - १० ग-१६ अग+ १६ कगर श्रीर १९ अग - ७ अग:-१६ क ग + ७ कग-ग दून का योग करो। उत्सर, ६अ + ५ अक - २१. अझ - १० - १३ अग +8 अकग - २६ ग- अग + ६६ कग-ग। (२३) ५ + ३ अय- अय' + य', हय १२ म+ अय -५ अय', ४ अ + ३ अय- ५ य -- ७ अरे, अय-५ अय + ११ अरे - य और ८ अ +२+३-६अ य इन का योग करो। उत्तर, . (२४) अर्थ- २ +३/+क+8 ल ।इ, ३ अय- ५ यर - ४ / अ+ क + ७ लV, - ५ अ + या + ५/ अ+ के -२नार २अय+यर-११/ +क-एल/ दून का योग क्या होता है ? उत्तर, अय+३यर'- 01/ + । For Private and Personal Use Only
SR No.020330
Book TitleBijganit Purvarddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBapudev Shastri
PublisherMedical Hall Press
Publication Year
Total Pages299
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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