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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra तो २४० एकघात समीकरणसम्बन्धि प्रश्न । प्रश्न ७ | दोश्रों की एक संख्या है उस में जो उन दो श्रङ्कों के योग का भाग देखो तो भजन फल आता है और जो उस संख्या में १८ घटा देखो तो शेष में उन्हीं अङ्कों की स्थिति पलट के रहती है वह संख्या कौन है ? मानो. t= www.kobatirth.org और एक स्थानीय य - उस संख्या का दशस्थानीय अङ्क - Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अङ्क १० य + र = संख्या १० य+र = 0 और सवर्णन से, य = २६, य+र १० य + १८ = १०१+ य ल्य = हर + १८, बा, य= र + २ .. ₹ = २ और य = ४ : ४२ यह संख्या है । यह उत्तर | प्रश्न ८ । और क दो मित्र थे उन में अ ने क, से कहा कि जो तुम हम को १६ रुपये देओ तो हमारे पास तुम से तिगुने रुपये हो जाएंगे, तब क, ने अ, से कहा कि जो तुम हम को १० रुपये दे तो हमारे पास तुमसे चौगुने रुपये होंगे। तब ा और क इन के पास कितने २ रुपये थे से कहो । यहां य अ, के रुपये, और र = क के रुपये तब प्रश्न की बोली से, य + १६ = ३ (र - १६) और ४ ( थे - १७) = र + १ : समक्रिया से, य = २८ और र= = ३१॥ .:., के पास २९ रुपये थे और क, के पास ३१ थे यह उत्तर । इस में १६ और १७ ये क्रम से अ और क इन के दान कहलावें और ३ र ४ ये गुण कहलावें । अब जो अ, का दान प और गुण फ और क, का दान ब और गुण भ हो तो प्रश्न की बोली से इस भांति के दो समीकरण उत्पन्न For Private and Personal Use Only
SR No.020330
Book TitleBijganit Purvarddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBapudev Shastri
PublisherMedical Hall Press
Publication Year
Total Pages299
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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