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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra अथवा, अथवा, ୧୧ एकवर्ण एकघात समीकरण | इस की प्रतीति के लिये य के स्थान में अ + को रखने से । क + घ क क + कग क + घ कग - अघ क +घ. 國 क + घ/ आय का अपवर्त पचान्तरनयन से, य + गय .. य = : य = www.kobatirth.org उदा० (६) य + अकथ = देने से, य + क 1 w -ग्र=ग कग - अघ क + घ = अ - क १+ग अग - घ 1 न - Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अघ + गघ क +घ प्राकृत समी० गय 1 - अगर इस में य का मान क्या है ? , अ + ग क + घ/ यहां अक + य - कग + कय = गध + गय गय गघ क + कग आय + कय अथवा, (अ + क - ग ) य = गध - क + कग । गद्य - क + कग अ + क - ग अभ्यास के लिये और उदाहरण । H - क; वा, (१+ग) य = - क । उदा० (९) अ (क + य) - क (ग - य) = ग (घ + य), इस में य का मान क्या है ? (५) ७ ३८ = ३य - ५, इस में (६) २९– ४य +६= ५ + १०, इस में (७) ० य२ - ५८ = २३ य, इस में 1 (१) ३८ - १७ = २८ + ५, इस में (२) ५८ + १३ = २० - २य, इस में (३) य - २८ + ३य - ४य +५ = ७, इस में (४) य + ९ = ३य + १, इस में For Private and Personal Use Only हुवा I य = २२ । य = २ । य = २१| य = ४ । य = २ । ३। य - ४ । 7 =
SR No.020330
Book TitleBijganit Purvarddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBapudev Shastri
PublisherMedical Hall Press
Publication Year
Total Pages299
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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