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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धातुसंग्रह. केव, (अ) आ. 1. संबने. सेवj, Arj, क्रेवते सेव थे. कथ, (अ, म्) प. 1. हिंसार्थ.. 6. क्लथति हणे. णौ- क्ययति. क्लद, (अ, म्, ) आ. 1. वैक्लव्ये वैकल्ये च. वैक्लव्यं कातरत्वम्. वैकल्यम विवेकः, 1 4 / 52 5j, 2 मोह पाम, विस यां. क्लदते 4552 यायचे इ०. क्लद्, (इ, म, ए) आ. 1. वैक्लव्ये वैकल्ये च. 1 4152 थj, 2 भोट पाम. लंदते // 52 थायछे इ०. गो-कंदयति. लद, (इ) प. 1. आव्हाने रोदने च. 1 सा६ 42j, 2 27. क्लदति सा६४२२. कप, (अ) उ. 10. अव्यक्तायां वाचि. 1258 19 मोसी. लपयति-ते અસ્પષ્ટ વાણું બેલે છે. लम्, (उ) प. 4. ग्लानौ. था. क्लाम्यति पांथ: पांथ यात्र. क्लांत: (या 45), क्लम: (था), लमी (+इन्), क्लांति:. क्लिद, (इ) आ. 1. परिदेवने. परिदेवनं शोचनम्. शोय, 27 पु. (सक०) क्किंदते चैत्र मैत्र: मत्र यत्रने 2 छे. लिद, (इ) प. 1. परिदेवने. शोय, 27. क्विंदति २थे. किद, (अ) प. 4. आर्दीभावे. मी य. क्लियति पयसा घट: बडो पाशिये भानो यायचे. क्लेदः, क्लिन्न:. लिश, (अ) आ. 4. उपतापे. दु:५३. किश्यति परार्थे साधुः साधु पार्थे दु:५ वटेछ. क्लेश:, क्लिष्टः, क्लेशकः, केश: (भाया नावाण). लिश, (अ) 1. 9. विबाधने. 5.75 ४२वी. क्लिश्नाति धनिकं चोर: योर धानिने छ. क्लेश:, केश: (भायानावाण). लोब, (ऋ) आ. 1. अवाष्र्य. 1525g. क्लीबते नर; शोकेन न२४॥ 52 यायचे. क्लीबम् (नपुंस). क्लीब्, () आ. 1. धाष्टय. धैर्यवान थy, सर्व / 421 // समर्थ थ, क्लीबते धैर्यवान थाय. कु, (ङ) आ. 6. गतो. 4. कुक्ते पांथ: पांथ लय. विक्लव: (4 / 52). क्लेश, (अ) आ. 1. अव्यक्तायां वाचि विबाधने च. 1 मस्पष्ट पारी मोलवी, 2 {. क्लेशते म्लेछ: 7 12.54 पास मोलले. क्लेशते पापिनं रोग; रो पापीने पीछे. क्लेश:. For Private And Personal Use Only
SR No.020313
Book TitleDhatu Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages210
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size9 MB
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