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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 198 धातुसंग्रह. स्फुल, (अ) प. 6. स्फुरणे संचलने च, 1 4291 2, २३२यु, 324, हाल. 2 गयो यपी. स्फुलति 2425 थायछे. णोक्ते आस्फालितः = आफालिओ == माल्यो. णौ ल्युटि आस्फालनम्, स्फुलिंगः (मजि४५). स्मिद, (अ) उ. 10. अनादरे. अनादर करवो. स्मेटयति-ते, स्मेटति मना 12 42. स्मेटति = मेटइ= भेटे. स्मील, (अ) प. 1. निमेषणे. निमेषणं संकोचः. संय, मेय. स्मीलति संहीये. स्मीलति = मीलइ - भील. स्म, प. 1. चिंतायाम्. 22, ति, संभार. स्मरति संभारे. स्मरति स्मरइ = 22. विस्मरति = विस्तरइ = बीसरे. स्मरः (म), स्मृतिः, स्मरणम, विस्मरणम्. स्मृ, (म्) प. 1. आध्याने. २भरवु, संभा२. स्मरति संभारे. णौ स्मरयति. स्म, प. 5. (वै०) मोतिपालनयोः. 1 प्रीति ४२वी , स्ने ४२यो. 2 पाल, 5. स्मृणोति प्रीति 42. स्पंद, (ज) आ. 1. प्रस्रवणे. अभयु, 42. स्यंदते मधु कमलात् मत्था भ५ 2. 1 स्यंदः, 2 निस्यदः (3211), स्यंदनः (1 तिस // 7, 2 युद्धोपयो भी २थ). स्पन, (अ) आ. 10. चिंतायाम्. 242, संभा२. स्यानयते तिवछ. स्पम् (उ) प. 1. शब्दे. 2006 ४२वो स्यमति 220427. 1 सीमिकः, 2 स्यमीकः (वृक्ष), सिमीकः (भूक्ष्म भी). स्यम्, (अ) आ. 10. वित. त६ ४२वो. स्यामयते 1 422. स्रक, (इ) आ. 1. गतो. v. टेंकते नय. सम, (उ) आ. 1. विश्वासे. विश्वास ४२वो. खंभते, विभते विश्वास 422. 1 खंभा, 2 विस्रंभः (विश्वास), विस्तब्धः (विश्वासवाणो). सम, (उ) आ. 1. प्रमादे. प्रमादोऽवलेपः. गर्व ४२वो. संभते रेछ. संस्, (अ) आ. 1. प्रमादे. प्रमादोऽवलेपः. सर्व तपो. लंसते गवतन्छ. संस्, (अ) आ. 1. अवलंसने. नीये-डे? 57. संसते हस्तात् धनुः लायी घनुष पछ. संह, (उ) भा. 1. विश्वासे. विश्वास ४२वो. संहते विश्वास 427. सिम, (ऊ) प. 1. हिंसायाम्. 6.5. भति हजे. For Private And Personal Use Only
SR No.020313
Book TitleDhatu Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
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Publication Year
Total Pages210
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size9 MB
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