SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 118
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धातुसंग्रह. पृण, (अ) प. 6. प्रीणने. तृH Ag, gH 42. पृणाति लोके लोने परेछ. पृणः, लोकंपृणः (लो ने ता 2 // 3). पृथ, (अ) उ. 10. प्रक्षेपे. 4. पर्थयति-ते 3 छ. पृष्, (उ) प. 1. सेचनहिंसासंक्लेशनेषु. 1 सिंथपुं, 26, 3. पीsj, ना. पर्षति भर्मि मेघः भेष भान सिंयछे. पृष्टः (सिंथ्यो), पृष्यम् (सिंयवायोज्य), पृषतः (3 भृग, 2 मिड), पर्जन्यः (मेघ), पाणि:= पाही. पृषती (भा), पृषक्तः (मायु). प, प. 3. पालनपूरणयोः. 1 पालन 42, 2 52. पिपत्ति पास रेछे. पारः, ___ व्यापारः, व्याप्तं (वारे१). पृ, प. 9. पालनपूरणयोः. 1 पासपुं, 2 52. पृणाति विश्वं विश्वंभरः विश्वनर विश्वने पाणे इ०. पूर्तः (1 पागयो, 2 ५स्यो), पूर्तिः (1 पासान, 2 5264). परः, पिप्परी = 5152 (क्षले). पर्णम् = पणं = पन्नं = पानु = पान (पत्र).. परमः (re), पुरीषम् (विटा), पुरुषः (12), 1 परु, 2 पर्व, (पेश, via4). 1 पू, 2 पुरी (नगरी). पुपुरः (3), पर्पः (पागबाने यासानु 44), पुरुः (1 महान, 2 2200). पृ, उ. 10. पूरणे. 52. पारयति-ते, परति पूरेछे. पेल, (3) प. 1. गतौ. . पेलति 14. पेला (१वा पासवानुं लान विशेष), 1 पेलः = पेरू. 2 पेलका (पगियो). पेव, (क) आ. 1. सेवने. से. पेवते सेवछ.. पेस्, (3) प. 1. गतो. . पेसति जयछे. पै, प. 1. शोषणे. साधू, सोम. पायति २४ायचे. पैण, (र) प.१. गतिप्रेरणश्लेषणेषु. 1.4, 2 प्रेर, 3 मेथु य. पैणति लायछ. प्यै, (ङ) आ. 1. वृद्धौ. 15j. प्यायते. पिप्यिका (तमण). प्याय, (ओ, ई) आ. 1 वृद्धौ. 15. प्यायते पछे.. पावर: Mi), पावरी, पीवा (24न् + स्यू Mi). पानौ स्तनौ (स्तन) पानं मुखं, आपानः, आपा.. नम्, पीनः (यू).. पृच्छ, (अ) प. 6. जीप्सायाम. जिज्ञासा जीप्सा. 5, Myामी 427 ४२वी. 15 For Private And Personal Use Only
SR No.020313
Book TitleDhatu Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages210
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy