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________________ Shri Aradhana Kendra www.kcbatirth.org Acharya Shri Kalah Gyanmandie मरीचिदृष्टान्तः श्रीदे० चैत्यश्रीधर्म०संघाचारविधी ॥३०७॥ HATION ॥१६।। चउधणुचारंसद्गागयमायंगुलपमाणअंगुलयं । ते उसहो वीससयं बारंगुलहाणि जा सुविही ॥१७॥ वीसंसदुअंगुल जावा हाणिऽनंतो तयधु जा नेमी। सगवीसंसा पासो इगवीसंसो महावीरो॥१८॥ आऊ चुलसी विसयरी सट्ठी पन्नाय चत्त तीस वीस । दस दो इगपुव्वलक्खा सग चुलसी विसयरि सट्ठी ॥१९।। तीस दस एग लक्खा रिसाणं सहसपणनवइ चुलसी। पणपन्ना तीस दस एगु सहस सयं च दुगसयरी ॥२०|| चुलसीइ वरिसलक्खा पुच्वंगं तग्गुणं भवे पुन्वं । सत्तरिकोडी लक्खा वरिसा छप्पन्न सहस कोडि ॥२१॥ पुव्वंगहयं पुव्वं तुडियंगं वासकोडिकोडीओ। गुणसट्टि लक्खसगवीस सहस्स चत्तारि य सया उ ॥२२।। अट्ठावयंमि उसहो वीरो पावाइ रेवये नेमी। चंपाएँ वासुपुजो सम्मेये सेसजिणसिद्धा ॥२३॥ इह पन्नतीस दस नवकोडिलक्खा कोडि सहस नवनवई । नव अयरकोडिसई नवकोडि नवकोडि इगकोडि ॥ २४ ॥ अयरसयवरिसछावहिलक्खछब्बीससहस्स ऊणयरं । चउपन्न तीस नव चउ तिय अयरा पउणपलिऊणा ॥२५॥ पलियद्धं कोडिसहस वरिससऊणो य पलियचउभागो। वरिसाण कोडिसहसा लक्ख चउपन्न छप्पंच ॥२६॥ पउणचुलसीइ सहसा अडाइसयत्ति अंतरतिवीसे । अयरेगकोडिकोडि बायालसहस्सवरिसूणो ॥२७॥ इगइगतिगइगतिय इगइगसयरी इगार पलियचउभंगो। सुविहाइसगंतरयंमि तित्थच्छेओ न सेसेसु ॥२८॥ चक्की भरहो सगरो मघव सणंकुमर संतिकुंथुअरा । सुभुम महपउभ हरिसेण जउनिको भदत्तो य ।। २९ ।। चक्किमपुरि विणीया अउज्झ सावत्थि गयउरे पंच । वाणारसी कंपिल्ले रायगिहे चेव कंपिल्ले ॥३०॥ चकिजणणी सुमंगल जसवइ भ६ सहदेवी अइर सिरिदेवी। देवी तारा जाली मेरा वप्पा य चुलणी य ॥३१।। उसमे सुमित्तविजए समुद्दविजए य आससेणे य । तह वीससेण सूरे सुदरिसणे कित्तिविरिए य ॥३२॥ पउमुत्तरे महाहरि विजये बंभे पिया उ चक्कीणं । इक्खागवंसकासरगुत्ताण सुवनवनाणं ॥३३॥ पणधणु ॥३०७॥ For Private And Personal
SR No.020306
Book TitleDevvandanbhashyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendrasuri, Dharmkirtisuri
PublisherRushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha
Publication Year1938
Total Pages560
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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