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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (८५) रेवह कुंती सिवा जयंती अ । रेवती, कुन्ती, शिवा और जयन्ती, देवह दोवह धारणी-देवकीजी, द्रौपदीजी, धारेणी, कलावई पुष्कचूला य । -- कलावती और पुष्पचूला ॥ १० ॥ पउमावई य गोरी - और पद्मावती १, गौरी २, गंधारी लक्खमणा सुसीमा य । गान्धारी ३, लक्ष्मणा ४, और सुसीमा ५, जंबूवई सच्चभामा - जम्बूवती ६, सत्यभामाजी ७, रुप्पिणी कण्हड महिसीओ | - रुक्मिणी ८- ये श्रीकृष्ण की आठ पटरानियाँ ॥ ११ ॥ जक्खा य जक्खदिन्ना - और यक्षा, यक्षदत्ता, भूआ तह चेव भूअदिन्ना य-भूता, तथा भूतदत्ता और सेणा वेणा रेणा सेना, वेणा, रेणा, भइणीओ धूलिभद्दस्स । - स्थूलिभद्रस्वामी की ये सात बहिनें ॥ १२ ॥ इच्चाइ महासईओ-इत्यादि अनेक महासतियाँ जयंति अकलंकसीलकलिआओ । -- निष्कलङ्क, पवित्र और अखंड शीलगुण से युक्त संसार में जयवन्ती हुई है १ दधिवाहन राजा की पटरानी, दूसरी श्रेणिकपुत्र मेघकुमार की माता ये दो धारणी रानीयाँ हुई हैं । For Private And Personal Use Only
SR No.020303
Book TitleDevasia Raia Padikkamana Suttam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayantvijay
PublisherAkhil Bharatiya Rajendra Jain Navyuvak Parishad
Publication Year1964
Total Pages188
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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