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परिचय
"दादा गुरुदेवों की ४ पूजायें नामक पुस्तक आपके हाथ में है । श्री जैन शासन में प्रकाशमान ज्योतिधर महान् चमत्कार पूर्ण जीवन वाले परमोपकारी कल्पवृक्ष के समान भक्तों की इच्छाओं को सफल करने वाले दादा के समान धर्मवात्सल्य को दिखाने वाले आबाल गोपाल प्रसिद्ध 'श्री दादाजी महाराज' नाम वाले चार गुरुदेव हुए हैं। उन चारों श्री गुरुदेवों की चार पूजायें पूज्यपाद प्रातः स्मरणीय खरतरगच्छाचार्य गुरुदेव श्री १००८ श्री मजिनहरिसागरसूरीश्वरजी महाराज साहब द्वारा सुन्दर सरल एवं सरस भाषा में नई लोकप्रिय तों में निर्माण की हुई हैं। श्री दादा गुरुदेव के भाविक भक्त इस से श्री दादाजी महाराज के दिव्य ऐतिहासिक जीवन चरित्र को हृदयंगम करके श्री दादा गुरु के गुणों में तन्मयता प्राप्त कर सकते हैं। ... १-पहले दादा गुरुदेव १००८ युगप्रधान श्रीमजिनदत्त सूरीश्वरजी महाराज विक्रम की बारहवीं शताब्दी में विद्यमान थे। आपके योगबल एवं तपोबल से ५२ वीर ६४ योगिनियां पंचनदी के पांच पीर आदि अनेकों देवी देवता भक्त हो गये थे। आप नवाझवृत्तिकार श्रीमद्अभयदेवसूरीश्वरजी के पट्टधर समर्थ सुविहित खरतर विधि के प्रचारक महाकवि श्रीमजिन वल्लभसूरीश्वरजी के पट्टाकाश में सूर्य के समान प्रकाशमान थे :
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