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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बावले कुत्ते के काटेकी चिकित्सा । भीतर ही सूखने दो। फिर इसको एक चने-भर लेकर, थोड़ेसे गुड़में मिलाकर, कुत्तेके काटे आदमीको खिलाओ। इसके सेवन करनेसे कुत्तेके काटनेसे बावला हुआ आदमी भी आराम हो जाता है। एक हकीम साहब इसे अपना आजमूदा नुसता कहते हैं। (१६) अंगूरकी लकड़ीकी राख सिरकेमें मिलाकर कुत्तेके काटे स्थानपर लगानेसे लाभ होता है। (२०) लाल बानातके टुकड़ेके चने-चने समान सात टुकड़े काट लो। फिर हर टुकड़ेको गुड़में मिलाकर, सात गोलियाँ बना लो । इन गोलियोंके खानेसे कुत्तेका काटा आराम हो जाता है । यह एक अँगरेजका कहा हुआ नुसखा है। . (२१) जिस कुत्तेने काटा हो, उसीके बाल जलाकर राख कर लो। इस राखको काटे स्थानपर छिड़को । अवश्य लाभ होगा। . (२२) कलौंजीकी जवारस कुत्ते के काटे आदमीको बड़ी मुफीद है । इसे खाना चाहिये। (२३) कुत्ते की काटी जगहपर मूलीके पत्ते गरम करके रखनेसे अवश्य लाभ होता है। (२४) कुत्ते के काटे स्थानपर चूहेकी मैंगनी पीसकर लगाओ।। (२५) कुत्तेके काटे स्थानपर सम्हालूके पत्ते पीसकर लेप करो। (२६) बाजरेका फूल-जो बालके अन्दर होता है-एक माशे-भर लेकर गुड़में लपेटकर, गोली बनाकर, रोज खिलानेसे कुत्तेका काटा आराम हो जाता है। (२७) चालीस माशे कलौंजी फाँककर, ऊपरसे गुनगुना पानी पीनेसे कुत्तेके काटेको लाभ होता है। तीन दिन इसे फाँकना चाहिये । (२८) कुत्ते के काटे स्थानपर पछने लगाने यानी खुरचने और वन निकाल देनेके बाद राईको पीसकर लेप करो। अच्छा उपाय है। . (२६) विजयसार और जटामासीको सिलपर पीसकर पानीमें छान लो। फिर एक “मातुलुगका फल' खाकर ऊपरसे यही छना For Private and Personal Use Only
SR No.020158
Book TitleChikitsa Chandrodaya Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHaridas
PublisherHaridas
Publication Year1937
Total Pages720
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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