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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चिकित्सा-चन्द्रोदय । बिखरी-सी होती है । उस दाँतुनके करनेसे जीभ, दाँत और होठोंका मांस सूज जाता है। अगर जीभ साफ़ करनेकी जीभीमें विष होता है, तो भी ऊपर लिखे दाँतुनके-से लक्षण होते हैं । चिकित्सा। (१) पृष्ठ १४६ के ग्रास-परीक्षामें लिखे हुए नं० २ के और नं० ३ के उपाय करो। agar MASONE NE 272 ane na mama । पीनेके पदार्थों में विष-परीक्षा। अगर दूध, शराब, जल, पीने और शर्बत प्रभृति पीनेके पदार्थों में विष मिला होता है, तो उनमें तरह-तरहकी रेखा या लकीर हो जाती हैं और झाग या बुलबुले उठते हैं। इन पतली चीजोंमें अपनी या किसी चीज़की छाया नहीं दीखती। अगर दीखती है, तो दो छाया दीखती हैं । छायामें छेद-से होते हैं तथा छाया पतली-सी और बिगड़ी हुई-सी होती है। अगर ऐसा हो, तो समझना चाहिये कि, विष मिलाया गया है और ऐसी चीजोंको भूलकर भी जीभ तक न ले जाना चाहिये। NUP साग-तरकारीमें विष-परीक्षा । ___ *%%88284-88888888Hos. अगर साग-भाजी, दाल, तरकारी, भात और मांसमें विष मिला होता है, तो उनका स्वाद बिगड़ जाता है। वे पककर तैयार होते ही, चन्द मिनटोंमें ही - बासी-से या बुसे हुए-से हो जाते और उनमें बदबू आती है। अच्छे-से-अच्छे पदार्थों में सुगन्ध, रस और रूप नहीं रहता । पके हुए फलोंमें अगर विष होता है, तो वे फूट जाते या नर्म हो जाते हैं और कच्चे फल पके-से हो जाते हैं। For Private and Personal Use Only
SR No.020158
Book TitleChikitsa Chandrodaya Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHaridas
PublisherHaridas
Publication Year1937
Total Pages720
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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