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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir [ ८ ] ५०३ ० ५०८ ० विषय पृष्ठाङ्क | विषय पृष्ठाङ्कः पेटमें बच्चेके मरनेके कारण ४६६ दुग्ध-चिकित्सा गर्भिणीके और असाध्य लक्षण ४६७ | वातदूषित दूधके लक्षण मूढगर्भ-चिकित्सा ४६८ पित्त दूषित दूधके लक्षण ५१६ अपरा या जेर न निकलनेसे हानि ५०२ कफ दूषित दूधके लक्षण जेर निकालनेकी तरीकीबें १०२ त्रिदोष-दूषित दूधके लक्षण ५११ बादकी चिकित्सा | उत्तम दूधके लक्षण प्रसूताके लिये बला तेल बालकोंके रोगोंसे दूधके दोष प्रसूतिका-चिकित्सा ५०५ | जाननेकी तरकीबें सूतिका-रोगके निदान ५०५ दूध शुद्ध करनेके उपाय सूतिका-रोग दूध बढ़ानेवाले नुसख ५२०. स्त्री कबसे कब तक प्रसूता ? ५०६ | ऋतुका रुधिर अधिक बहना सूतिका-रोगोंकी चिकित्सा ___ बन्द करनेके उपाय ५२२ मक्कल शूल नरनारीकी जननेन्द्रियाँ ५२६ सूतिका रोग नाशक नुसख्त ५०६ नरकी जननेन्द्रियाँ ५२६ सौभाग्य शुण्ठी पाक बाहरसे दीखनेवाली जननेन्द्रियाँ ५२६ सौभाग्य शुण्ठी मोदक भीतरी जननेन्द्रियाँ ५२६ ज़ीरकाद्य मोदक शिश्न या लिङ्ग पञ्चज़ीरक पाक शिश्नमणि सूतिकान्तक रस शिश्न शरीर प्रतापलंकेश्वर रस अण्डकोष या फोते वृहत् सूतिका विनोद रस शुक्राशय सूतिका गजकेसरी रस शुक्र या वीर्य हेम सुन्दर तैल ग़रीबी नुसन' शुक्राणु या शुक्रकीट ५१२ योनिके घाव वग़रःका इलाज शुक्रकीट कब बनने लगते हैं ? ५३२ स्त्रीकी जननेन्द्रियोंका वर्णन ५३३ स्तन कठोर करनेके उपाय ५१४ नारीकी जननेन्द्रियाँ । ५३३ स्तन और स्तन्य-रोग उपाय ५१६ स्तन रोगके कारण और मैद ५१७ डिम्ब-ग्रन्थियाँ स्तन-पीड़ा नाशक नुसन' १७ गर्भाशय ५३५ ० ० ५२७. ५१० - ५२८ ५११ भग om m m For Private and Personal Use Only
SR No.020158
Book TitleChikitsa Chandrodaya Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHaridas
PublisherHaridas
Publication Year1937
Total Pages720
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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