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सहु साथ ॥ भ० ॥ ४८ ॥ संवत चौद बत्रीसमेरे लो, फागण सुदनी बीज । भ० ॥ थावरवारे थापीयारे लो, नरपति पाम्या रीझ ॥ भ० ॥ ४९ ॥ एक दिन काजलशा कहेरे लो, मेघाशाने वात ॥ भ० ॥ नाणो अमारो लेइ करीरे लो, गया हता गुजरात ॥भ०॥५०॥ ते धन तमें किहां वावर्यु रे लो, ते दीयो लेखो आज ॥भ० ॥ तव मेघो कहे शेठजी रे लो, खरच्यां धरमने काज ॥ भ० ॥ ५१ ॥ स्वामीजी माटे सोंपीयोरे लो, पांचसे दीधा दाम ॥ न० ॥ काजल कहे ए शुं कयुरे लो, पत्थर कोण आवे काम ॥ भ० ॥ ५२ ॥ काजलने मेघो कहेरे लो, ए व्यापारमें भाग ॥ भ०॥ ते पाचसे शिर माहरेरे लो, तेमांहे तुमने न लाग । ॥ भ० ॥ ५३ ॥ मेघासानी भारजारे लो, मरगादे छे नाम ॥ भ० ॥ महियोने मेरो बेहु सारखारे लो, दोए सुत रतिय समान ॥ भ० ॥ ५४॥
॥ ढाल ॥ ६ ॥ कंत तमाकु परिहरो ॥ ए देशी ॥सा काजल मेघाभणी. बेहं जणमां हैं संवाद ॥ मेरे लाल ॥ तिहा मेघो धनराजने, एक दिन कीधो साज
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