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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandir [४६] महीनेके३०दिन देवपूजा,मुनिदानादि कार्यों में गिनतीमें लिये जातेहैं, तैसेही-पर्युषणापर्व करने संबंधीभी अधिक महीनेके ३० दिन गिनतीमें लिये जातेहैं, जिसपरभी पर्युषणापर्व करने में अधिक महीनेके ३०दिन नहीं गिननेका लिखा, सोभी यह तेरहवी बड़ी भूलकी है । १४- अधिक महीनेके ३० दिनोंमें वनस्पति बढती है, व फूल, फलादिकभी प्रत्यक्षमें होते हैं, जिसपरभी आवश्यक नियुक्तिकी गा. थाका भावार्थ समझे बिनाही अधिक महीनेमें वनस्पति पुष्पवाली नहीं होनेका लिखा, सो भी यह चौदहवी बडी भूलकी है। - इत्यादि अनेक तरहसे शास्त्रविरुद्ध होकर अधिक महीने के३० दिनोंको गिनतीमें लेनेका निषेध करनेके लिये उत्सूत्रप्ररूपणारूप ब. हुत बडी २ भूलेंकी हैं, उन्होंको खास सुधारनेकी आवश्यकता है। अब शासननायक श्रीमहावीरस्वामीके आगमोक्त छ कल्याणकोंका निषेध करने संबंधी भूलोंका थोडासा खुलासा लिखते हैं। १५- तीर्थकर महाराजोंके च्यवन-जन्मादिकोंको कल्याणक पना आगमानुसार अनादि सिद्ध है, इसलिये उन्होंको च्यवनादि वस्तु कहो, चाहे च्यवनादि स्थान कहो, या च्यवनादि कल्याणक कहो, यद्यपि वस्तु व स्थान शब्दअनेकार्थवाले हैं, तोभी तीर्थकरमहाराजोंके चरित्रमें प्रसंगसे च्यवन-जन्मादिकमें सब एकार्थवाले पर्यायवाचक शब्द अलग २ है, मगर सबका भावार्थ एकहीहै, किंतु भिन्न २ नहीं है। इसलिये श्रीपार्श्वनाथस्वामीके तथा श्रीनेमिनाथ स्वामीके च्य. वनादि पांच पांच कल्याणकोंकी तरहही श्रीमहावीरस्वामीकेभी च्यवनादि पांच कल्याणक उत्तराफाल्गुनी नक्षत्रों और छठा निर्वाण कल्याणक स्वातिनक्षत्रमें होनेका कल्पसूत्रादि आगमोमें खुलासा पूर्वककहाहै। जिसका मर्म समझे बिना कल्पसूत्रकेमूल पाठके अर्थ. में च्यवनादि छ कल्याणकोका निषेधकरनेके लिये छ वस्तु, या छ स्थान कहकर अनादिसिद्धकल्याणक अर्थकोउडादिया यह सूत्रार्थके उत्थापनकरनेवाली उत्सूत्रप्ररूपणारूप सबसेबडीपंदरहवी भूलकीहै. - १६- श्री महावीर स्वामीके प्रथम च्यवन कल्याणकक दिनमें तो आषाढ सुदी ६ को इन्द्र महाराजका आसन चलायमानभी नहीं For Private And Personal
SR No.020134
Book TitleBruhat Paryushananirnay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorManisagar Maharaj
PublisherJain Sangh
Publication Year1922
Total Pages585
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Paryushan
File Size10 MB
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