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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वर्णित ९३६ वर्तरुकः वर्णित (भू०क०कृ०) [वर्ण+क्त] चित्रित, लिखित, रचित, | वर्तनं (नपुं०) वृत्ति, व्यवसाय, जीविका, जीवन निर्वाह। खचित। (हित० १३) ब्रह्मचर्य योग्य। वर्तनं कस्यचित्कोऽपि, कदाचित् कर्तुमर्हति। वर्णन की गई, प्रशंसति। (हित० १३) वर्णिन् (वि०) [वर्णोऽस्त्यस्य इनि] चित्रवाला, लेख युक्त, चलना, प्रवर्तन, जाना, गमन। (दयो०६१) चाल चलन, रचित। व्यवहार, आचरण। ०व्यापार, क्रय-विक्रय। ०वर्ण से सम्बन्धित, जातिगत वर्ण से युक्त। . ०पात्र, भाण्ड। 'वर्तनानां पात्राणाम्' (जयो०७० २४/७१) वर्णिन् (पुं०) [वर्ण+इनि] वर्णी, ब्रह्मचारी। वर्तनादि परिणामतो हितम्। (जयो० २/७७) गृहस्थवान्, प्रस्थषिनामकाः। ब्रह्मचर्य को प्राप्त। (जयो०७० गोलक, गेंद। १८/४५) वर्तना (स्त्री०) कालाश्रित वृत्ति, परिवर्तित होना, कालाश्रया वर्णि आश्रम, ब्रह्मचर्याश्रम (जयो० २/११७) वृत्ति। वाणीभूषणवर्णिनं घृतवरी देवी च यं धीचयम् (सुद० पुनरभ्यसन, परिणमन। 'वृतेर्णिजन्तात् कर्मणि भावे वा १/४६) 'वर्णि वर्णयते किलाक्षविषयान्स्वप्नेपमा नित्यतः' युटि स्त्रीलिंगे वर्तनेति भवति, वर्त्यते वर्तनमात्रं वा वर्तना-इति (मुनि० ३३) जो इन्द्रिय सम्बन्धी विषयों को स्वप्न के (स०सि० ५/२२) अपनी सत्ता को स्वीकार करते हुए हर समान वर्णित करते हैं, बताते हैं वे वर्णी हैं। एक द्रव्य की समय-समय पर होने वाले परिवर्तन को वर्णिनी (स्त्री०) [वर्णिन ङीष] स्त्री, वनिता। एक वर्ण की वर्तना कहते हैं। (तत्त्वार्थ सूत्र० पृ० ७८) स्त्री। प्रवर्तना, परावर्तन, पलटना। ०हल्दी। वर्तनिः (पुं०) [वर्तन्तेऽस्यां जनाः, वृत+निः] सूक्त, प्रशंसा, वणुः (पुं०) [वृ+णुः नित्] दिनकर, भानु, सूर्य। सूक्ति, स्तुति। वर्णोघः (पुं०) अक्षर समूह। (जयो० ३/२३) वर्तनिः (स्त्री०) मार्ग, पथ, रास्ता। वर्ण्य (वि०) [वर्ण+ण्यत] वर्णन करने योग्य, विवेचन करने | वर्तनी (स्त्री०) पथ, रास्ता, मार्ग। योग्य। ०पीसना, चूर्ण बनाना। वयं (नपुं०) केसर, जाफरान। जीना, जीवन। वर्यभावः (पुं०) वर्णनीयता के भाववर्णन करने योग्य ०कर्म, गति। विचार। (जयो० ५/३५) वर्तमान (वि०) [वृत्+शानच्] विद्यमान, स्थित। जीने वाला, वर्तः (पुं०) [वृत्+घञ्] वृत्ति, जीविका। ठहरने वाला। वर्तक (वि०) [वृत्+ण्वुल्] वर्तमान, विद्यमान, अवस्थित, ०मुड़ना, चक्कर काटना। स्थित, जीवित। परिणत होने वाला, परिवर्तन होने वाला। संघ प्रर्वतक। वर्तमानः (पुं०) वर्तमान काल, अद्यतनकाल। चलने वाला वर्तकः (पुं०) बटेर, लबा। काल। (सम्य० १३७) प्रत्युत्पन्न। घोड़े का सुम। वर्तमानकालः (पुं०) सम्प्रतिकाल। (भक्ति० १८) वर्तकं (नपुं०) पित्तल, कांसा। ___ वर्तमान स्थिति से सम्बन्धित काल। वर्तका (स्त्री०) बटेर, लबा। वर्तमानगतिः (स्त्री०) आधुनिक गति, सम्प्रतिकाल की क्रिया। वर्तकी (स्त्री०) बटेर, लबा। वर्तमानदृष्टिः (स्त्री०) आधुनिक दृष्टि। परिणत दृष्टि। वर्तन (वि०) [वृत्+ल्युट्] स्थिर रहने वाला, विद्यमान रहने वर्तमान पथः (पुं०) प्रवर्तन का मार्ग। वाला, टिकाऊ रहने वाला। वर्तमान स्थितिः (स्त्री०) आधुनिक परिस्थिति। स्थिर, विद्यमान, वर्तमान। वर्तरुकः (पुं०) [वर्त+रा+ऊक] ०पोखर, जोहड़, गर्त, गड्ढा। वर्तनः (पुं०) ठिगना, बौना। ०जलावर्त, भंवर। For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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