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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सावधि ११८३ सिंहः सावधि (वि०) [सह अवधिना] सीमित, सीमाबद्ध, समापिका। साष्टाङ्गम् (अव्य०) [सह अष्टाङ्गैः] लम्बायमान लेटकर, सावरः (पुं०) दोष, अपराध। दण्डवत् सभी अंग घुमाकर। ० पाप, दुष्टता। सास (वि०) [सह आसेन] धनुर्धारी। ० लोध्र वृक्षा सासनम् (नपुं०) एक गुणस्थान। सम्यग्दृष्टि (दयो० ) मिथ्यात्व सावरण (वि०) [सह आवरणेन] गूढ, गुप्त, रहस्यपूर्ण। से अभिमुख हुआ जीव। ० आवरण सहित, आच्छादित, ढका हुआ, पर्दा सहित। सासादनम् (नपुं०) एक गुण स्थान विशेष। सावलेप (वि०) [सह अवलेपेन] अभिमानपूर्ण, घमण्डी। सासासनम् (नपुं०) एक गुण स्थान का नाम। (समु० ३/२४) सावशेष (वि०) [सह अवशेषेण] अधूरा, शेष युक्त। सासुसु (वि०) बाण धारण करने वाला। सावष्टम्भ (वि.) [सह अवष्टम्भेन] प्रतिष्ठित, उत्कृष्ट। सासूय (वि०) [सह असूयया] ईर्ष्यालु। ० साहसी. दृढ़ी। सासूयम् (अव्य०) डाह के साथ, रोषपूर्वक। सावष्टम्भम् (अव्य०) दृढतापूर्वक, साहस के साथ। सास्ना (स्त्री०) [सस्+न, णित् वृद्धि] गाय या बैल का गल सावसर (वि.) [सह अवसरेण] अवसर सहित. समय युक्त। कम्बल। सावहेल (वि०) [सह अवहेलया] घृणा करने वाला। साह (वि.) आक्षेप युक्त। आह क्षेपनियोगार्थ-इति (जयो० सावहेलम् (अव्य०) घृणा पूर्वक। २०/६२) साविका (स्त्री०) [स्+ण्वुल्+टाप् इत्वम्] दाई, प्रसव परिचायिका। साहचर्यम् (नपुं०) [सहचर+ष्यञ्] साथ रहना, सहभागिता। ० सेवाभाविनी। साहजिक (वि०) सहज, आसान। (सम्य० ४) 'नैव सावित्र (वि.) [सवित+अण] सूर्य सम्बंधी। साहजिकमस्ति यदेषा' (जयो० ४/३८) सावित्रः (पुं०) सूर्य। ० भ्रूण। साहनम् (नपुं०) [सह। णिच्+ ल्युट्] सहन करना, भुगतना। सावित्रसम्वत्सरः (पुं०) बारह मासों में एक सावित्रसम्वत्सर। साहसम् (नपुं०) [सहसा बलेन निर्वृत्तम् अण] क्रूरता, सावित्री (स्त्री०) ० प्रभा, आभा, कान्ति। अत्याचार। ० पार्वती। ० उतावलापन। ० सत्यवान् की पत्नी। ० साहसिक कार्य। (सुद० ८५) साविष्कार (वि.) [सह आविष्कारेण] आविष्कार सहित। । साहसिक (वि०) निर्भीकता युक्त, शक्ति युक्त। ० घमण्डी, अहंकारी। ० क्रूर, निर्दय। साशंस (वि०) [सह आशंसया] इच्छुक, आशावान्। साहसित (वि०) उत्साहित। (जयो०८/२५) साशंसम् (अव्य०) आशा से, कामना से। साहसिन् (वि०) [साहस इनि] प्रचण्ड, उग्र, भीषण। साशङ्क (वि०) [सह अशङ्कया] आशंका करने वाला। साहस्र (वि०) [सहस्र+अण] हजार से सम्बंध रखने वाला। ० डरने वाला। साहायकम् (नपुं०) [सहाय+वुण] मैत्री, सौहार्द, सहचरत्व। साशयन्दकः (पुं०) छिपकली विशेष। ० मदद, सहयोग। साशिका (स्त्री०) आशावती, मंगधारिणी। (जयो० ३/८९) | साहाय्यम् (नपुं०) [सहाय+ष्यञ्] ० सहायता, मदद, सहकार। साशकः (पुं०) गलकम्बल, सास्ना। ० गौ की लटकती हई (दयो० ९१) सास्ना। ० सौहार्द, मैत्री। साश्चर्य (वि.) [सह आश्चर्येण] आश्चर्यजनक, विलक्षण। साहाय्यकरिन् (वि०) दानशीला। (वीरो० ५/२३) साश्चर्यम् (अव्य०) आश्चर्य के साथ, अद्भूत रूप से। साहित्यम् (नपुं०) [सहित+ष्यब] ० साहचर्य, भाईचारा। साश्र (वि०) [सह अश्रेण] ० कोणदार। ० आलंकारिक काव्य। ० अश्रु युक्त। साह्यम् (नपुं०) [सह+ष्यञ्] संयोजन, सहयोग, साहचर्य। साश्रुधी (स्त्री०) [साश्रुध्यायति साश्रुध्यै क्विप्] सास, पत्नी सि (सक०) बांधना, कसना, जकड़ना। की मां। सिंहः (पुं०) [हिंस+अच्] सिंह, शेर, मृगाधिपति। (सुद०३२) For Private and Personal Use Only
SR No.020131
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages445
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size23 MB
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